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पिया की प्रतीक्षा में जगती रही - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही रात भर करवटे बदलती रही स्वप्न भी हो गये अब स्वप्न जैसे कोई हो गया हो दफन कब आओगे मेरे प्यारे सजन ? पूछ रहे है ये मेरे भीगे नयन मन मेरा रात भर मचलता रहा तन मेरा अग्न से जलता रहा ये अग्न…