—विनय कुमार विनायक
जागो बिहार कि तुमने जग को जगाया है,
उठो बिहार कि तुमने विश्व को उठाया है!
जब दुनिया अंधियारी थी तूने रोशनी बारी,
अब सारा जग रौशन है तू क्यों अंधियारी!
जब अज्ञानता चहुंओर, विज्ञान का ना शोर,
जब सूर्य चंद्र धरती का नहीं कही था छोर!
तब बिहार तुमने आर्यभट्ट दुनिया को दिए,
जो विश्व के प्रथम नक्षत्र विज्ञानी कहे गए!
आर्यभट्ट ने सौरमंडल,ग्रहों की दूरियां मापी,
शून्य व अंक प्रणाली दिखाए जग में झांकी!
देखो बिहार तूने जग को जनतंत्र दिखाया है,
वैशाली ने पूरे विश्व को गणतंत्र सिखाया है!
आयुर्वेदज्ञ च्यवन व राजकुमारी सुकन्या के,
पुत्र अस्थि दानी दधीचि थे मगध बिहार के!
वैदिक ऋषि दीर्घतमा,काक्षीवान घोषा भी थे,
गौरवशाली भूमि वृहद मगध महाजनपद के!
जरासंध के समकक्ष जग में नहीं कोई भूप थे,
अरबसागर बंगाल खाड़ी तक अशोक स्तूप थे!
अशोक के पाटलिपुत्र की राजाज्ञा अरब सागर,
बंगाल की खाड़ी से ब्रह्मगिरी और गंधार पर!
बिहार है वो पुण्य भूमि जहां मां सीता जन्मी,
कर्ण जहां प्रकट हुए वो है बिहार की अंगभूमि!
—विनय कुमार विनायक