पाक को चेतावनी

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जितनी है पाक औकात तेरी,उतनी कर अब तू बात |
तीन युद्ध हार चुका है,कितनी खायेगा अब तू मात ||

बना है तू सेना की कठपुतली,तेरे नहीं कोई साथ |
ले देके एक चीन बचा है,जिससे मिलाया तूने हाथ ||

देता है न्यूकिल्यर की धमकी,तू उसको भी छुटा कर देख |
बचेगा न तेरा कोई बन्दा,खुद गिरेबान में झांक कर देख ||

हाथ में है तेरा कटोरा,सारी दुनिया से भीख मांग रहा |
देगा तुझे कोई न भीख,पहले ही कर्ज में मरा जा रहा ||

भारत से क्या युद्ध करेगा,अब तेरी कोई औकात नहीं |
पहले घर के झगड़े निम्टा,युद्ध करना अब आसान नहीं ||

छूते ही माईक को तेरे रेल मंत्री की चीख निकल जाती है |
जरा उसको करंट लगा,तो नानी उसको याद आ जाती है ||

छोड़ दे कश्मीर की अब बात तू,पी ओ के की बात कर ले तू |
पहले तो ढाका गवायाँ था,अबकी बार जाफराबाद गवायेगा तू ||

आर के रस्तोगी 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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