पानी रे पानी तू हर जगह, लेकिन पीने को एक बूंद नहीं - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
स्टाजिंग कुजांग आंग्मो लेह की सड़कों पर चलते हुए जैसे-जैसे मैं पुरानी बातों को याद करती हूं, तो बचपन की यादें किसी फूल की तरह ताजा हो जाती हैं। ऐसा लगता है कि जैसे कल की ही बात हो जब मैं अपने साथियों के साथ इन हरे भरे चारागाहों, सुंदर…