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किस के लिए संवर रहीं हो तुम - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
किस के लिए संवर रहीं हो तुम,अपने आप में निखर रही हो तुम। तेरा भंवरा तो आ चुका है तेरे ही पास,फिर फूल बनकर क्यों बिखर रही हो तुम। दिल से कहो धड़कना बन्द कर दे,फिर इतना क्यों डर रही हो तुम। राहों में जब खुद खड़ा है तेरे पास,फिर…