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लिखूं क्या मै,मुझे लिखना नहीं आता - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
लिखूं क्या मै,मुझे लिखना नहीं आता।दिल टूट गया है,इसे जोड़ना नहीं आता।। गया था गम भूलाने मै मयखाने मे।पर गम को मुझे भूलना नहीं आता।। कोशिश की थी यारो ने मुझे पिलाने की।मुश्किल ये थी वहां,मुझे पीना नहीं आता।। दिल के टुकड़े हुए हजार,सब बिखर गए।मुश्किल है मेरी उनको समेटना…