कैसा यह चलन

0
255

modi and advaniकैसा है यह चलन

हर तरफ

जलन ही जलन

पद से बढ़ा रहें हैं

लोग

अपना अपना कद

हो रही है खूब आमद

और

खूब खुशामद

रहते हैं पूरा लक – दक

पद का ऐसा है मद

नहीं मानते आजकल

कोई भी हद

भले ही बीच में

क्यों न पिट जाए भद

ज्ञानी जन कहते हैं

पद को सर पर

न चढ़ने दें, वही अच्छा

समझे न जो इस सच को

समझ लें, समझदारी में

अभी भी हैं वह कच्चा

पद नहीं रहेगा जब

भ्रम टूटेगा तब ?

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here