धनतेरस पर्व पर क्या खरीदें एवं क्या दान करें?

धनतेरस की शापिंग और चैरिटी

धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता हैं। धनतेरस दीपावली पर्व से ठीक दो दिन पूर्व, कार्तिक मास की कॄष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता हैं। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान धंवंतरी का जन्म हुआ था। भगवान धन्वंतरी को आयुर्वेद विद्या के जनक माने जाते हैं। पृथ्वी लोक पर आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से ही भगवान श्री विष्णु जी धन्वंतरी के रुप में अवतरित हुए थे। चार भुजाओं से युक्त भगवान श्री धन्वंतरी शंख और चक्र धारण किए होते हैं। एक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र देव, कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय माता, त्रयोदशे के तिथि के दिन भगवान श्री धन्वंतरी जी, चतुर्दशी तिथि को माता काली और अमावस्या तिथि को माता लक्ष्मी जी का प्रादुर्भाव हुआ था। धनतेरस का दिन भगवान धन्वंतरी की जयंती के रुप में भी मनाया जाता हैं।     

धनतेरस के दिन खरीदारी करना विशेष रुप से शुभ माना जाता हैं।   बर्तन और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करने के लिए राहुकाल का त्याग करें, इस दिन राहुकाल प्रात: ७:३० से लेकर ९:०० बजे तक हैं। इसमें स्थानीय सूर्योदय के अनुसार काल शुद्धि की जाती हैं। 

लक्ष्मी की पूजा

धनतेरस के दिन घर की अच्छी तरह सफाई करके संध्याकाल में दीपक जलाकर विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है जो सुख, समृद्धि, और वैभव की देवी हैं। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन प्रसन्न होकर देवी लक्ष्मी ने एक गरीब, दुखी किसान को अक्षय संपत्ति का वरदान प्रदान किया था, इसलिए इस अवसर पर धनप्राप्ति के लिए लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है।

धन और समृद्धि के देवता कुबेर की पूजा

लक्ष्मी और धन्वन्तरि के साथ-साथ बहुत सारे लोग धनतेरस के दिन कुबेर की भी पूजा-आराधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन धन के देवता कुबेर की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाए तो वो प्रसन्न होकर आजीवन सुख-संपत्ति का वरदान प्रदान कर सकते हैं। कुबेर को प्रसन्न करने के लिए कुबेर के चित्र या कुबेर यंत्र के सामने दिया जलाकर सामान्य पूजा करना या कुबेर के मन्त्रों का जप करना ही पर्याप्त माना जाता है। धन की प्राप्ति के लिए कुबेर की पूजा केवल धनतेरस के दिन ही नही, बल्कि हर दिन की जा सकती है। बहुत सारे लोग धनतेरस से शुरुआत करके दीपावली तक लक्ष्मी जी के साथ-साथ भगवान कुबेर की पूजा भी पूरे भक्ति भाव से करते हैं।

यमराज को दीपदान

धनतेरस का दिन मात्र देव धन्वंतरी, लक्ष्मी जी और देव कुबेर को ही समर्पित नहीं हैं। यह दिन मृत्यु के देवता यमराज को भी समर्पित हैं। यह माना जाता है कि इस दिन संध्याकाल में यमदेव को प्रसन्न करने के लिए दीपदान किया जाता हैं। धनतेरस का दिन एकमात्र ऐसा दिन है जिस दिन यमराज देव की पूजा आराधना की जाती हैं। जो व्यक्ति इस दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर रखता हैं उस व्यक्ति के परिवार को  अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।

बर्तन, लक्ष्मी गणेश जी और सोने-चांदी के सिक्के खरीदने की परंपरा

इस दिन गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदने से घर में साल भर धन का आगमन होता रहता है। इस दिन सोने-चांदी के गहने और चांदी के बर्तन खरीदने की भी प्रथा है। लेकिन जो लोग चांदी के बर्तन खरीद सकने में समर्थ नहीं हैं, वो अन्य धातुओं से बने बर्तन भी खरीद सकते हैं। इस दिन पीतल के बर्तन खरीदना भी शुभ माना जाता है। चूँकि पीतल भगवान धन्वंतरि को प्रिय है, इसलिए ऐसी मान्यता है कि पीतल के बर्तन खरीदने से भगवान धन्वंतरि प्रसन्न होते हैं। वैसे धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ भी इसी कारण से माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान धन्वंतरी हाथ में अमृत कलश (एक बर्तन) लिए हुए प्रकट हुए थे। बर्तनों के अलावा अन्य चीजों की खरीदारी करना (विशेष रूप से धातु से बनी वस्तुएं) भी शुभ ही माना जाता है।

सोमवार धनतेरस के दिन अमृत चौघड़िया ०७:४१ तक रहेगी, शुभ चौघडि़या ०९:१२ से लेकर १०:४२ तक रहेगी, लाभ चौघडि़या १५;१४ से लेकर १६:४५ तक रहेगी और अमृत चौघडि़या १६:४६ से लेकर १८:१६ तक रहेगी। लाभ चौघडि़या में खरीदारी करना विशेष शुभ फलदायक रहता हैं। अपनी राशि को ध्यान में रखकर किस तरह की खरीदारी करना आपके लिए शुभ फलदायक रहेगा। साथ ही यह भी बताने जा रहे हैं कि राशि के अनुसार किस वस्तु का दान किया जाए, ताकि आप पर लक्ष्मीजी की कृपा सदैव बनी रहे। यह जानकारी हम आज आपको इस आलेख के माध्यम से देने जा रहे हैं।  

मेष राशि –  धनतरेस पर मेष राशि वालों को चांदी के बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना लाभदायक रहेगा और इस दिन चावल व दाल का दान करें।

वृषभ राशि –  वृष राशि वाले अगर कपड़े खरीदेंगे तो उनके लिए लाभदायक रहेगा। इसके अलावा चांदी या तांबे के बर्तन खरीदने से भी उन्हें बहुत फायदा होगा। दान करने के लिए इस दिन आप सरसों का तेल और थोड़े-से तिल का दान करें। 

मिथुन राशि – मिथुन राशि वालों को धनतेरस के दिन सोने के आभूषण, हरे रंग के घरेलू सामान और जैसे पर्दा इत्यादि खरीदना अच्छा रहेगा और 800 ग्राम गुड़ व पीली चना-दाल का दान किसी जरुरतमंद को करें। 

कर्क राशि – कर्क राशि वालों को चांदी के आभूषण, सिक्के और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना काफी शुभ रहता है और घी और थोड़ा-सा बेसन किसी गरीब को दान करें। 

सिंह राशि – सिंह राशि वाले लोगों को धनतेरस के दिन तांबे, कांसे के बर्तन, कपड़े और सोने की कोई चीज जरूर खरीदनी चाहिए तथा शक्कर व थोड़ा-सा बेसन दान करना शुभ रहेगा। 

कन्या राशि – कन्या राशि वालों को धनतेरस के दिन श्री गणेश की मरगज की मूर्ति या सोने के आभूषण जरूर खरीदने चाहिए। एवं आटे के साथ चावल का दान इस पर्व को वर्षभर के लिए खास बना सकता हैं

तुला राशि – तुला राशि वाले अगर कपड़े, सौंदर्य का सामान या सजावटी सामान और चांदी के सिक्के या सोने से बनी कोई चीज खरीदेंगे तो उन्हें बहुत फायदा होगा। एवं 11 बेसन के लड्डूओं का दान करना चाहिए। 

वृश्चिक राशि – वृश्चिक राशि वाले धनतेरस के दिन अगर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सोने के सिक्के या आभूषण खरीदेंगे तो उन्हें मां लक्ष्मी की बड़ी कृपा मिलेगी दान के रुप में आप अलग-अलग तरह के पांच फल दान कर सकते हैं। 

धनु राशि – धनु राशि वालों को इस दिन सोने के सिक्के, आभूषण या तांबे के बर्तन जरूर खरीदने चाहिए। जलेबी और तिल के लड्डूऒं का दान करने से पर्व की शुभता बढ़ेगी। 

मकर राशि – मकर राशि वालों के लिए धनतेरस के दिन वाहन, कपड़े, चांदी के बर्तन या आभूषण खरीदना बेहद शुभ होता है और पांच तरह के अनाजों का दान करें।

कुंभ राशि – कुंभ राशि वाले अगर धनतेरस के दिन सौंन्दर्य प्रसाधन के सामान, सोना, फुटवियर (जूते-चप्पल) खरीदेंगे तो उन्हें बहुत लाभ होगा तथा ड्रायफ्रूट्स, दूध और शक्कर का दान करें।

मीन राशि – मीन राशि वाले धनतेरस के दिन सोने के सिक्के, आभूषण, चांदी के सिक्के, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदेंगे तो बहुत लाभ होगा साथ ही मिठाई और फल का दान करें। 

इस दिन क्या करें?

  • अपने मित्र-रिश्तेदारों को तोह़़फे में कटलरी, पटाखे, फुलझड़ियां या लेदर के आइटम्स ना दें, पर यदि इनमें से कुछ देना ही चाहते हैं, तो साथ में मिठाई ज़रूर दें।
  • इस दिन जुआ ना खेलें।
  • अल्कोहल और नॉन वेज से परहेज़ करें।
  • यम दिपक रातभर प्रज्ज्वलित रहे।

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