किस माटी के बने हैं भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी

राकेश कुमार आर्य
मोदी को लेकर विदेशों में भी संपादकों, लेखकों और स्तंभकारों की लेखनी निरंतर चलती रहती है। कई लोगों के मन-मस्तिष्क में श्री मोदी को लेकर जहां सम्मान का भाव है तो कईयों के मन-मस्तिष्क में उनके प्रति दुर्भाव भी है। वे नहीं चाहते कि भारत की लगाम किसी सशक्त नेतृत्व के हाथों में हो, इसलिए जब भी अवसर आता है तब विदेशों में उनके विरुद्ध काम कर रहे पत्रकार या स्तंभकार या लेखक लोग अनाप-शनाप लिखते रहते हैं। उनके लिखने से कुछ ऐसा तो अवश्य स्पष्ट होता है कि विदेशों में भारत के इस सशक्त प्रधानमंत्री को लेकर कैसी शंका-आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं? दूसरी बात यह भी स्पष्ट होती है कि श्री मोदी के रहने से भारत को विदेशों में लोग किस रूप में देख रहे हैं और भारत से व भारत की समृद्धि से उन्हें किस प्रकार की ईर्ष्या है?
अमेरिका के प्रसिद्ध संपादक लेखक जोसेफ आप का एक लेख प्रसिद्ध अमेरिकी समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में पिछले दिनों छपा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि 2002 के गोधरा दंगों के बाद आश्चर्यजनक रूप से भारत की राजनीति में श्री मोदी ने अपने आप को जिस प्रकार स्थापित किया है वह वैसे ही है जैसे कोई मुर्दा से वोट पाने में सफल हो जाए। वह लिखते हैं कि इस व्यक्ति से अमेरिका को कई खतरे हैं, जो खतरे कभी हिटलर से थे, कुल मिलाकर वैसे ही खतरे मोदी से अमेरिका को हैं। अमेरिका हिटलर के बारे में जानता था कि खतरे कौन से हैं? लेकिन मोदी अमेरिका की आंखों में धूल झोंकने में सफल हो गए हैं।
लेखक के अनुसार मोदी सभी महाशक्तियों जैसे रूस, फ्रांस, जर्मनी या जापान की आंखों में भी धूल झोंकने में सफल रहे हैं। इस लेखक का मानना है कि मोदी का उदय दुनिया के लिए खतरा है, क्योंकि उसने भारत के स्वार्थ के लिए एक दूसरे देश को आपस में शत्रु बना दिया है और इसका प्रयोग भी वह सफलतापूर्वक कर रहे हैं। श्री मोदी भारत के स्वार्थ को देखने वाले नेता हैं। भारत को स्वच्छ बनाने का एकमात्र लक्ष्य यह व्यक्ति देखता है। यदि यह व्यक्ति रोका नहीं गया तो भविष्य ऐसा होगा कि पूरे विश्व को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनने के बाद भारत धमकाएगा।
इसका अभिप्राय है कि भारत को शक्तिशाली बनने से रोकने के लिए संपूर्ण विश्व की शक्तियां बडे स्तर पर काम कर रही हैं। यह लेख स्पष्ट करता है कि भारत को विश्वशक्ति बनने से रोकने के लिए कितने बडे स्तर पर षडय़ंत्र रचा जा रहा है? लेखक आगे लिखता है कि मैंने आज अमेरिकियों से कहा है कि यदि हम इसे अर्थात श्री नरेंद्र मोदी को पहचान नहीं सकते हैं तो एक महान मूल्य का भुगतान करने के लिए हमें तैयार रहना होगा और दूसरी बात यह भी है कि यह एक व्यक्ति नहीं है अपितु युगपुरुष है और भारत के रॉयल्टी संगठन के लिए लोग सभी देशों में इस व्यक्ति के लिए लॉगिन करते हैं। लगता है कि श्री मोदी एक निश्चित रणनीति के साथ आगे बढ़ते हैं और उनकी रणनीति किसी को भी समझ नहीं आती कि वह करना क्या चाहते हैं? उनके हंसने वाले चेहरे के पीछे एक खतरनाक राष्ट्रवादी देशभक्त छिपा हुआ है। वे भारत के लाभ के लिए सभी देशों का उपयोग कर रहे हैं।
बात साफ है कि श्री जोसेफ भारत के नेतृत्व को राष्ट्रवादी देशभक्त के रूप में देखना नही चाहते हैं, जबकि किसी भी देश की सफलता उसके राजनीतिक नेतृत्व के राष्ट्रवादी स्वरूप पर ही निर्भर करती है। लेख से स्पष्ट होता है कि भारत हमेशा एक दब्बू राष्ट्र के रूप में काम करता रहे और यहां पर ऐसे लोगों का शासन रहे जो विदेशों के सामने झुकने के लिए हमेशा तत्पर रहें। श्री जोसेफ ने लिखा है कि अमेरिका ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ संबंधों को नष्ट करके और वियतनाम जैसे देशों के साथ मित्रता करके एशिया में अपना प्रभुत्व समाप्त कर दिया है। अब श्री मोदी चीन के किन देशों का उपयोग करने में सफल हुए हैं, दक्षिण चीन सागर में वियतनाम में तेल का उत्पादन आरंभ कर दिया गया है। जहां सभी तेल भारत को दिया जाता है और भारतीय कंपनी रिलाएंस को काम पर लगा दिया है। यहां भी अमेरिका को मोदी की नीति बराबर करने में सफल हो गई है।
लेख से स्पष्ट होता है कि अमेरिका के वर्चस्व को समाप्त करने में मोदी जिस प्रकार सफल हो रहे हैं, उससे विदेशी शक्तियां कहीं ना कहीं भारत को घेरने के लिए लामबंद होती जा रही हैं। लेखक का कहना है कि फिलहाल संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, वियतनाम को नियंत्रित करने में लगा है। भारत ने चीन व अमेरिका को अपने दोनों देशों में 1.2 लाख करोड़ों रुपए का निवेश किया है, जिसे 8 वर्षों में प्राप्त नहीं किया जा सकता था। स्पष्ट है कि ये सब मोदी के कारण ही संभव हो पाया है। आज पाकिस्तान के पुराने मित्रों के प्रयोग से ही श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पाकिस्तान को अलग अलग-थलग कर एक आतंकी देश के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। जैसे अफगानिस्तान की सीमा पर एक बंदरगाह और भारतीय सेना का स्टेशन स्थापित किया जाता है और ईरान को व्यापार की रिश्वत देते हुए भी पाकिस्तान के मुख्यालय को बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। पाकिस्तान तालिबान को नष्ट करने के लिए एक बलूचिस्तान खडा करने में लगा है, अमेरिका के हाथों को बांधा है। पाकिस्तान के पारंपरिक सऊदी अरब को पाकिस्तान से अलग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्रीलंका का प्रधानमंत्री तीन दिवस के भारत के दौरे पर आता है जो बहुत कुछ संकेत देता है। श्री नरेंद्र मोदी ने एशिया पर चीन और अमेरिका के प्रभाव को समाप्त कर दिया है और सार्क सम्मेलन रद्द करवा कर अपनी ताकत दिखा दी है।
एशिया के ऊपर भारत का प्रभुत्व स्थापित हुआ है और एशिया की दो महान शक्तियां रूस और जापान को एक मित्र के रुप में श्री मोदी ने प्राप्त किया है। अमेरिकी सरकार में लॉगिन करके ग्रुप में जगह प्राप्त की है और कुछ समय में श्री मोदी के रहते भारत एनएसजी में भी स्थान पा सकता है, जो आगे जाकर अमरीका के लिए हानिकारक होगा।
श्री जोसेफ चाहे हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी के बारे में जो कुछ लिख रहे हों और चाहे उनके लेखन में जितनी घृणा या ईष्र्या हमारे प्रधानमंत्री के विरुद्ध झलक रही हो- पर एक बात तो साफ़ है कि श्री मोदी के नेतृत्व में भारत निरंतर उन्नति कर रहा है और एक समृद्ध, सुदृढ और समर्थ भारत को बनते हुए हम देख रहे हैं। सचमुच यह समकालीन इतिहास की एक आश्चर्यजनक घटना है- जिसके हम साक्षी बन रहे हैं।

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