pravakta.com
कैसा चुनाव ? - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
सर्द है मौसम और गर्म अख़बारटी. वी. पर चलते चैनल तीन सौ चाररातें हैं अंधी और दिन चौंधियाते हैंकानों में घुसकर नारे लगाते हैं अजनबी गली में घेरकर मुझकोभौंकती हैं, काटती हैं करबद्ध विनतियाँरोककर मुझको घूरते हैं बेधड़क जुमलेमांगते हैं समर्थन, फिर निष्ठा, फिर चेतना चौक पे मुरगों की लड़ाई लगी हैजनतंत्र…