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आजादी...क्यों मजाक करते हो भाई... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हिमांशु डबराल ‘क्या आज़ादी तीन थके हुए रंगों का नाम है जिन्हें एक पहिया ढोता है? या इसका कोई ख़ास मतलब होता है’ धूमिल की ये पंक्तियाँ आज भी ज़हन में कई सवाल छोड़ जाती....आज़ादी...हम आज़ाद है, ये कहने पर एक बंधू बोल पड़े - क्यों मजाक करते हो भाई?…