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नये साल का शोर क्यों? - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
कुछ भी नया नहीं दिखता पर नये साल का शोर क्यों? बहुत दूर सत - संकल्पों से है मदिरा पर जोर क्यों? हरएक साल सब करे कामना हो समाज मानव जैसा दीप जलाते ही रहते पर तिमिर यहाँ घनघोर क्यों? अच्छाई है लोकतंत्र में सुना है जितने तंत्र…