pravakta.com
नारी नहीं है अभिशाप - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
शिवानी जोशीउत्तरौड़ा, कपकोटबागेश्वर, उत्तराखंडक्यों समझा है नारी को अभिशाप।मत करो उसपर अत्याचार।।जो करनी हो समाज की रक्षा।तो करो पहले नारी की सुरक्षा।।क्यों सताते हो नारी को?क्यों नहीं अपनाते उस प्यारी को।।नारी होती है धरती का अभिमान।वह भी है एक जीवन का आधार।।नए भारत की सोच तुम बदलो।नारी को भी जीवन का हिस्सा समझो।।उसे…