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औरत, औरत की दुश्मन.. - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हर शाम की तरह आज भी ऑफिस से आने के बाद घर का वही माहौल था। सब बैठ कर, एक टीम बना कर इधर उधर की बातें कम और चुगलियां ज्यादा कर रहे थे, और मम्मी हमेशा की तरह टीम की कप्तान थी। शायद वो सही कहता है, कि तुम्हारी…