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बोली व गोली एक जाति की होती - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
---विनय कुमार विनायकबोली व गोली एक जाति की होती,बोली गोली से अधिक प्रभावी होती!गोली एकबार प्रहार कर मिट जाती,बोली की चोट आजीवन तक रहती! मधुर बोली मुहावरे जैसी प्रिय होती,मुंह वरे जिसे वह मुहावरे की बोली!बोली घायल करती, मरहम लगाती,बोली हमेशा गोली से, घातक होती! बोली से किसी को घात…