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यशोदानंदन-५८ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-विपिन किशोर सिन्हा- “राधा!" उद्धव के कंठ से अस्फुट स्वर निकला। “कौन, उद्धव?" राधा का प्रतिप्रश्न उद्धव जी ने सुना। गोपियों से बात करते-करते, उन्हें समझाते-बुझाते सूरज कब पश्चिम के क्षितिज पर पहुंच गया उद्धव जी को पता ही नहीं चला। राधा ने उद्धव जी के पास आने की आहट…