यह खेल खतरनाक है,खेल को समझिए जरा

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यह खेल खतरनाक है,खेल को समझिए जरा
कत्लों -गाह का ग़र तजुर्बा है तो उतरिए ज़रा

बाकायदा खून की बू आपको पसंद आती हो
तब ही इन सियासती गलियों से गुजरिए ज़रा

कभी अपनों के लाश देखो और गौर से देखो
फिर अपने किए झूठे वायदों से मुकरिए ज़रा

ये चीख, ये चिल्लाहट ,ये झुंझलाहट, ये बेबसी
किसी रोज़ ही सही इनको महसूस करिए ज़रा

लोकतंत्र, राजतंत्र, ये तंत्र, वो तंत्र- सब षड्तंत्र
कभी किसी गरीब किसान के जैसे मरिए ज़रा

सलिल सरोज

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सलिल सरोज
कार्यकारी अधिकारी लोक सभा सचिवालय संसद भवन शिक्षा: सैनिक स्कूल तिलैया,कोडरमा,झारखण्ड से 10वी और 12वी उतीर्ण। जी डी कॉलेज,बेगूसराय,बिहार से इग्नू से अंग्रेजी में स्नातक एवं केंद्र टॉपर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ,नई दिल्ली से रूसी भाषा में स्नातक और तुर्की भाषा में एक साल का कोर्स और तुर्की जाने का छात्रवृति अर्जित। जीजस एन्ड मेरी कॉलेज,चाणक्यपुरी,नई दिल्ली इग्नोउ से समाजशास्त्र में परास्नातक एवं नेट की परीक्षा पास। व्यवसाय:कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा,वैज्ञानिक विभाग,नई दिल्ली में सीनियर ऑडिटर के पद पर 2014 से कार्यरत।

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