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यह खूनी सड़क - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मेरे शहर की यह शांतचित्त सड़क कभी बहुत खिलखिलाया करती थी बचपन में इसके तन पर हम खेला करते थे गिल्लीडंडा तब कभी कभार दिन में दो-चार बसें और इक्का-दुक्का वाहन भोंपू बजाकर सड़क से गुजर जाते थे। पूरे शहर के हर मोहल्ले के बच्चे इस सड़क पर इकटठा होते…