अनलॉक को यस, यूनिवर्सिटी होंगी गुलजार

श्याम सुंदर भाटिया 

कोविड- 19 के चलते सात माह से सूने पड़े देशभर के विश्वविद्यालय अब चहकेंगे और महकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग- यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज अनलॉक करने की हरी झंडी दे दी है, लेकिन सशर्त सूबों की यूनिवर्सिटी खोलने से पूर्व राज्य सरकार की सहमति जबकि केंद्रीय यूनिवर्सिटीज खोलने का दरोमदार उनके कुलपतियों के विवेक पर छोड़ा गया है। अब उच्च शिक्षण संस्थानों में स्टडी के लिए ऑनलाइन, ऑफलाइन और ऑन/ऑफलाइन के तीनों विकल्पों को अपनाया जा सकता है। ऑफलाइन स्टडी में 50 प्रतिशत स्टुडेंट्स ही यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी कैंपस, कॉलेजों या उच्च शिक्षण संस्थानों में आ सकेंगे, लेकिन इससे पूर्व यूनिवर्सिटी के आला प्रबंधन को अप्रूवल लेना होगा। इसके मुताबिक ही रोस्टर बनाना होगा। कोविड-19 के मद्देनजर हॉस्टल खोलने की भी कठोर शर्त रखी गई हैं। एक रुम में एक ही स्टुडेंट प्रवास कर पाएगा। चूँकि विश्वविद्यालय लम्बे वक्त के बाद रि-ओपन हो रहे हैं, सो छह दिन क्लासेज चलेंगी। कोर्स जल्द से जल्द कराने के लिए प्रति लेक्चर की अवधि भी बढ़ाई जा सकती है। यूजीसी ने जारी नई गाइडलाइन्स में यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेस को स्पष्ट निर्देश दिए है, वे चरणबद्ध तरीके से क्लासेज का संचालन प्रारम्भ करें। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क अनिवार्य होगा। आपस में 6 फिट की दूरी बनाए रखनी होगी। सिर्फ वही संस्थान खोले जा सकते हैं, जो कंटेनमेंट जोन बाहर होंगे। कैंपस में आइसोलेशन सेन्टर बनाना होगा। कैंपस में एंट्री से पहले सभी छात्रों, फैकल्टीज और नॉन -टीचिंग स्टाफ की स्क्रीनिंग जरुरी है। लक्षण पाए जाने पर मेडिकल जाँच के बाद ही उन्हें कैंपस में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। कैंपस में क्वारंटीन की सहूलियत भी होनी चाहिए। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक मानते हैं, हमारा मंत्रालय कोविड-19 की चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर रहा है। यूजीसी के बेहतर संकल्प और तमाम विकल्पों के मद्देनजर अपने परिसरों को फिर से खोलने के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। इस नई गाइडलाइन्स को स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय ने भी अप्रूव कर दिया है। 

हकीकत यह है, पूरे देश में विश्वविद्यालयों/कॉलेजों/उच्च शिक्षण संस्थानों में अनलॉकिंग कोविड-19 के तेवरों पर निर्भर है। देश में करीब 1,000 केंद्रीय/डीम्ड /राज्य/प्राइवेट यूनिवर्सिटीज हैं। देश के ज्यादातर सूबे चरणबद्ध तरीके से अपने यहां विश्वविद्यालय/कॉलेज की अनलॉकिंग को लेकर संजीदा हैं। पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु ने दीपावली पर्व के बाद 16 नवंबर से शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने का ऐलान किया है। हरियाणा सरकार ने तो जारी नोटिफिकेशन में कहा है, यदि किसी छात्र को अपनी शंकाओं को दूर करने की आवश्यकता तो वह कॉलेज का दौरा कर सकता है, लेकिन छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा जबकि राजस्थान सरकार ने कहा, दीपावली के बाद हालात का जायजा लेकर कॉलेजों को खोलने का फिर से फैसला लेगी, जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी का कहना है, दीयों के पर्व के बाद यूनिवर्सिटीज को अनलॉक किया जा सकता है। बिहार में चुनावी माहौल है, हालाँकि जेएनयू के साथ -साथ असम और बिहार में भी 02 नवंबर से यूनिवर्सिटी खुल चुकी हैं। यूपी में निजी विश्वविद्यालय- तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी भी अनलॉक हो चुकी है। यूजी और पीजी के न्यू स्टुडेंट्स की ऑनलाइन पढ़ाई 02 नवंबर से चल रही है जबकि ओल्ड स्टुडेंट्स की ऑनलाइन क्लासेज 24 अगस्त से प्रारम्भ हैं। टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन कहते हैं, ऑफलाइन कक्षाओं के लिए अभिभावकों की सहमति का इंतजार है। यूजीसी की गाइडलाइन्स के मुताबिक 50 प्रतिशत छात्रों को ही प्रवेश की अनुमति देंगे। कोविड-19 को लेकर टीएमयू बेहद सतर्क और संजीदा है। कोरोना के दौरान यूजीसी की ओर से जारी हर दिशा-निर्देश का हम पहले दिन से सख्ती से पालन कर रहे हैं। कर्नाटक में 17 नवंबर से यूनिवर्सिटीज अनलॉक होंगी। गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत ने कहा, वह अनलॉक के सम्बन्ध में जल्द ही निर्णय ले लेंगे। झारखंड में भी जल्द अनलॉकिंग का फैसला ले लिया जाएगा, ओडिशा सरकार ने तीस नवंबर तक उच्च शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक केंद्रीय विश्वविद्यालयों या केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त संस्थानों के खुलने का फैसला वाइस चांसलरों / संस्थानों प्रमुखों पर छोड़ दिया गया है जबकि राज्य विश्वविद्यालयों/ शैक्षिक संस्थानों को रि-ओपन करने के बारे में वहां की सूबे की सरकारों को फैसला लेना होगा, कॉलेज/यूनिवर्सिटीज कब से खोली जाएं ? 

कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए लक्षण दिखने पर छात्रों और शिक्षक की जाँच के बाद ही प्रवेश देने की सलाह दी गई है। बाकी छात्र और स्टाफ को भी थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही प्रवेश दिया जाएगा। यूजीसी की गाइडलाइन्स के अनुसार, छात्रों/शिक्षकों में कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर कैंपस में ही क्वारंटीन की ही सहूलियत करनी होगी। साथ ही संक्रमितों के लिए आइसोलेशन सुविधा होनी चाहिए। इसके लिए यूनिवर्सिटीज /कॉलेज/संस्थान चाहें तो सरकारी हॉस्पिटलों के साथ गठबंधन भी कर सकते हैं। कॉलेजों को अनलॉक करने से पहले वहां सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और पेयजल के भी पुख्ता बंदोबस्त करने होंगे। यूजीसी से स्पष्ट किया है गाइडलाइन्स का स्टुडेंट्स, शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ को सख्ती से फॉलो करना होगा। यूनिवर्सिटीज और कॉलेज चरणबद्ध तरीके से कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित करें। कन्टेनमेंट जोन से बाहर के ही संस्थान खोले जा सकते हैं। कन्टेनमेंट जोन्स में रहने वाले स्टुडेंट्स और स्टाफ्स को भी कैंपस में एंट्री की अनुमति नहीं होगी। न ही बाहर के विधार्थी और स्टाफ कन्टेनमेंट जोन में जा सकते हैं। छात्रावास ही जरुरत के मुताबिक खोले ज सकते हैं, लेकिन सख्त देखरेख, स्वास्थ्य और सुरक्षा के मानकों का ख्याल रखना होगा। हालाँकि किसी भी छात्रावास में फिलहाल कमरे की शेयरिंग की अनुमति होगी यानी एक कमरे में एक ही स्टुडेंट्स रह सकता है। कॉलेज रि-ओपनिंग गाइडलाइन्स -2020 के मुताबिक, यदि किसी छात्र में कोविड -19 के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे किसी भी परिस्थिति में हॉस्टल में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उल्लेखनीय है, कोविड -19 महामारी के कारण देश में उच्च शिक्षण संस्थान भी 16 मार्च,2020 से बंद हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषण कर दी गई थी। 

यूनिवर्सिटीज को कॉलेज के शिक्षकों, नॉन-टीचिंग और स्टुडेंट्स को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। अनलॉक की इस प्लानिंग में प्रशासनिक, कार्यालय, अनुसंधान प्रयोगशालाएं और पुस्तकालयों को भी शामिल किया जा सकता है। शिक्षा का रोजगार से सीधा संबध है। ऐसे में अंतिम वर्ष के छात्रों को भी शैक्षणिक कार्यों और प्लेसमेंट के लिए भी अनुमति दी जा सकती है। यूनिवर्सिटी के पास अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए भी एक योजना तैयार होनी चाहिए, जो छात्र अंतर्राष्ट्रीय यात्रा प्रतिबन्ध या वीजा को लेकर कोर्स में शामिल नहीं हो सके हैं। सभी रिसर्च और साइंस टेक्नोलॉजी कोर्सेज पीजी स्टुडेंटन्स को पहले यूनिवर्सिटीज/कॉलेज बुलाया जा सकता है, क्योंकि इनकी संख्या दीगर कोर्स  के छात्रों से कम होती है। प्रमुख के निर्देशानुसार अकादमिक की दृष्टि से फाइनल ईयर से स्टुडेंटन्स को भी बुलाया जा सकता है, लेकिन 50 प्रतिशत से अधिक की उपस्थिति नहीं होनी चाहिए। यदि छात्र चाहें तो  भौतिक रुप से हाजिर न होकर घर से ही ऑनलाइन अध्ययन कर सकते हैं। शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए यूजीसी के दिशा-निर्देशों का शत -प्रतिशत अनुपालन करना होगा।                     

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