योगी सरकार बनने से विरोधी दलों में भय का वातारवण

मृत्युंजय दीक्षित

वर्ष 2017 में उप्र के विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद जब से प्रदेश में भाजपा की दो तिहाई बहुमत वाली सरकार महंत योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी है और सरकार ने जन भावनाओं के अनुरूप अपने कार्यो को अंजाम देना शुरू कर दिया है तब से विपक्ष में खलबली पैदा हो गयी है। बहुत दिनों के बाद प्रदेश में एक ऐसी सरकार आयी है जो कि जातिवाद परिवारवाद और कमीशनबाजी की भावनाओं से ऊपर उठकर अपने कामो को अंजाम दे रही है। योगी सरकार का सबसे पहले ब़डा काम प्रदेश के गरीबों किसानों और आम जनता को राहत देने का है । सरकार का उददेश्य पूरी पारदर्शिता व ईमानदारी के साथ काम करना है। योगी सरकार हर रोज कोई न कोई जनहित व भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा निर्णय ले रही है जिसके कारण अपराधियों व प्रदेश को लगातार लूटने वाले गिरोहों में भय का उत्पन्न हो जाना स्वाभाविक ही है। अब पिछली सरकारों के क्रियाकलापों की जांच आदि शुरू हो गयी है। जिसमे गोमती रिवर फ्रंट सहित आगरा एक्सप्रेस वे जैसी योजनाये भी शामिल हैं इन सभी योजनाओं की जांच का काम चल रहा है। समाजवादी सरकार की योजनाओं का नाम बदल गया है तथा कई योजनायें बंद हो गयी हैं। पिछली सरकार के बाहुबलियों व दबंगों में भय का वातावरण उत्पन्न हो रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर दिन प्रदेश के गुंडों से अपील कर रहे हैं कि वे यातो सुधर जायें या फिर प्रदेश छोडकर भाग जायें। सरकार के कई फैसलों से जनता राहत की सांस ले रही है। प्रदेश में योगी जी के मुख्यमंत्रही बनते ही अवैध बूचड़खानों पर कार्यवाही प्रारम्भ हुई। महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का काम शुरू कर दिया गया ।

समाजवादी व बसपा के बाहुबली जो लोग जेल में बंद है। अब वे लोग जेल में भी कांप रहे है। बाहुबलियों का जेल मे मुस्कराना व दरबार लगाना बंद हो गया है। अतीक अहमद जेसे लोगों की जमानत अब मुश्किल काम हो गया है। अतीक के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि मनपसंद जेल में रहना उसका मौलिक अधिकार है तब कोर्ट ने फटकार लगा दी। वहीं जब गायत्री प्रसाद प्रजापति ने धोखे से जमानत लेने का प्रयास किया तब सरकार ने जिस प्रकार से एक्शन लिया वह काबिलेतारीफ है तथा आम जनता के बीच सरकार के कदमों की प्रशंसा हो रही है। जिस जज ने रेप के आरोपी गायत्री को जमानत दी हाईकोर्ट ने उसी की ही नौकरी ले ली। रेप के आरोपी गायत्री की जमानत रदद हो गयी। पेट्रोल पंपों में चिप लगाकर की जा रही सनसनीखेज चोरी का ऐतिहासिक खुलासा कर दिया जिसमें भी करोड़ों रूपये के घोटाले का पर्दाफाश कर दिया है। सरकार ने 15 महापुरूषों की छुटिटयों को रदद करने का ऐतिहासिक कदम उठाया लेकिन विपक्ष है कि सुधर नही रहा ।

प्रदेश का विपक्ष सरकार के हर कदम को अपने पुराने राजनैतिक चश्मे के नजरिये से ही देख रहा है। विपक्ष हर बार कीतरह अपना रवैया व सोचने समझने का तरीका नही सुधार रहा हैं । पहले वह विगत 27 साल से सत्ता में रहा तब तक वह मुस्लिम तुष्टीकरण , परिवारवाद व जातिवाद पर आधारित विकृत राजनीति करता रहा। सपा व बसपा की सरकारें भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी थीं तथ सपा और बसपा एक दूसरे के घोटालेबाजों को अपने हिसाब से संरक्षित रखती थीं। वर्तमान सरकार के लिए पूरा प्रदेश ही उनका परिवार है। वहीं दूसरी ओर पूर्ववर्ती सरकारें पूरी तरह से जातिवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार व अहंकार के मद में चूर रहती थीं। पुरानी सरकारें केवल अपने परिवार व जातिविशेष का ही कायाकल्प किया करती थीं।

सपा ,बसपा व कांग्रेस को भाजपा की जीत पर अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि भाजपा घोर मुस्लिम बहुल सीटों से भी अपनी सीट निकाल सकती है। यही कारण है कि यह दल आज भी जितनी घटनाएं घट रही है। उन सभी घटनाओं का अपने विकृत नजरिये से ही विश्लेषण करे जनता के समाने झूठ परोस रहीं है। सहारनपुर में अंबेडकर शोभायात्रा पर मुस्लिम समुदाय ने कश्मीर की तर्ज पर पत्थरबाजी जिसमें भाजपा सांसद व कई अन्य कार्यकर्ता बुरी तरह से जख्मी हो गये लेकिन यहां के विरोधी दलों ने जनता को गुमराह करने के लिये अपने विकृत नजरिये से रिपोर्ट पेश करते हुए भाजपा को दोषी ठहरा दिया। वहीं जब अवैध बूचड़खाने बंद किये जाने लगे तब विरोधी दला ने कहा कि अल्पसंख्यकों का अधिकार छीना जा रहा है। मुस्लिम वोटबैंक की विकृत मानसिकता से परेशान दलों ने मुस्लिम वोटबैंक को एक बार फिर प्राप्त करने के लिए एंटी रोमियो अभियान को भी मुस्लिम विरोधी व प्यार करने वालों के खिलफ कड़ी कार्यवाही बता दिया। आज जब प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की शुरूआत कर दी है तब इन दलों ने कहना शुरू कर दिया है कि नागरिकों में भय का माहौल बनाया जा रहा है। जिन लोगों की जमानतें तक जब्त हो गयीं आज वह लोग प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाले विकृत उपदेश दे रहे हैं। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति एडवा ने प्रदेश सरकार की नीतियों को आम नागरिकों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताते हुए नाराजगी जताई है।

इन दलों के बहकावे में ही आकर अहमदिया मुस्लिम समाज ने ईद मिलादुन्नवी और अलविदा का अवकाश रदद किये जो पर आपत्ति जताई है। एक ओर जहां प्रदेशसरकार जनहित के कार्य कर रही है तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग शुरू कर दी है सबका साथ सबका विकास के नारे को साथ रखकर अपने कामकाज को आगे बढ़ा रही है। वहीं बसपानेत्री मायावती कह रही हैं कि यूपी में बीजेपी की जीत से लोगों का जीवन खतरे में पड़ गयाहै। जबकि वास्तकिवता यह है कि प्रदेश में अब मायावती के राजनैतिक कैरियर का भविष्य खतरे में पड़ गया है तथा आने वाले दिनों में उनको व उनके साथियों को जेल जाना पड़ सकता है। यहीं नहीं लोकसभा में शून्य सीटों पर बैठी बसपानेत्री मायावती का जादू विधानसभा में भी नहीं चला अब उनको मात्र 19 सीटें ही मिली हैं जिसके कारण राज्यसभा में उनके जो 12 सांसद हैं तथा स्वयं उनकी सदस्यता भी समाप्त होने जा रही है। यही कारण है कि मायावती व अन्य विपक्षी दल काफी बैचेन है। भय का वातावरण जनता में नहीं अपितु जिन दलों ने अब तक प्रदेश को जी भरकर लूटा है उन दलों में भय का वातावरण उत्पन्न हो गया है।

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