जब हवाओं का रुख
मेरी तरफ हुआ
उड़ते गुलाल ने
आसमान को छुआ
तब तुम याद आये ,
हल्की तपती दोपहरी में
कोयल ने कोई गीत सुनायी
सरसों की फूलों ने
भ्रमर को पास बुलयी
तब तुम याद आये,
स्वच्छ चांदनी रातों में
तारे टिमटिमाने लगे
सरोवर की झिलमिलाती
चंद्र छाया में
किसी आभा समाने लगी
तब तुम याद आये,
तेरी सखियाँ होली में
गीत गाने लगी
होली से फाग की उड़
जाने लगी |
तब तुम याद आये,|