बदले बदले दल बदलू नज़र आते है।
एक पार्टी छोड़,दूसरी में नजर आते है।।
मिल गया टिकट हम देश को बदल देगे।
मिला नही टिकट हम पार्टी ही बदल देंगे।।
दलबदलु है नाम हमारा इसे चरितार्थ कर देंगे।
बात नही बनी तो पार्टी का नाम ही बदल देंगे।।
रहती नही बदले की भावना खुद ही बदल जाते है।
मिलता नही टिकट तो हम खुद टिकट बन जाते है।।
मिलते ही सत्ता की कुर्सी हम उसके ही हो जाते है।
छीनने पर सत्ता की कुर्सी हम पार्टी को छोड़ आते है।।
आर के रस्तोगी
Bahut Sarthak kavita ke lie shatashah Dhanyavad Rastogi ji.
Dr. Madhusudan