दादाजी से झगड़ रहा था,
उस दिन टंटू पंडा|
मुरगी पहले आई दादा,
या फिर पहले अंडा|
दादा बोले व्यर्थ बात पर,
क्यों बकबक का फंडा|
काम धाम कुछ ना करता तू,
आवारा मुस्तंडा|
इतना कहकर दादा दौड़े,
लेकर मोटा डंडा|
इससे पूछो मुरगी आया,
या फिर पहले अंडा|
दादाजी से झगड़ रहा था,
उस दिन टंटू पंडा|
मुरगी पहले आई दादा,
या फिर पहले अंडा|
दादा बोले व्यर्थ बात पर,
क्यों बकबक का फंडा|
काम धाम कुछ ना करता तू,
आवारा मुस्तंडा|
इतना कहकर दादा दौड़े,
लेकर मोटा डंडा|
इससे पूछो मुरगी आया,
या फिर पहले अंडा|