यह देश है पृथ्वीराजों का….

देशभक्ति की कविता

इतिहास उठा कर देखो अपना भारत सबसे न्यारा है।
जितने भर भी देश विश्व में भारत सबसे प्यारा है।।

बलिदानों का देश है भारत बलिदानों की भूमि है।
बलिदानों की रीत यहां पर बलिदानों की धूलि है।।
मत भूलो निज बलिदानों को जिनकी छाती चौड़ी है।
जिनके कारण आजाद हुए हम भारत उनकी भूमि है।।
हर अवसर पर यहां वीरों ने फंदे को स्वीकारा है …..
जितने भर भी देश विश्व में भारत सबसे प्यारा है।।1।।

यहां सिकंदर आया था, पर गिरा मौत के कुएं में।
दाहिर की बेटी ने कासिम जोता मौत के जुए में।।
भीमदेव ने गजनी को पिटवाया हिंद की सेना से।
गौरी को भी मौत मिली पंजाब की खोखर सेना से।।
हमने इतिहास बनाया है, बजा युद्ध नक्कारा है ……
जितने भर भी देश विश्व में भारत सबसे प्यारा है।।2।।

तैमूर की छाती फाड़ी थी, योगराज सिंह गुर्जर ने।
गुलिया हरवीर के भाले ने रामप्यारी के खंजर ने।।
खानवा के मैदान में सांगा ललकार रहे थे बाबर को।
अप्रत्याशित मार पड़ी थी, उस नीच लुटेरे बाबर को।।
यह देश है राणा वीरों का, शत्रु को रण में मारा है…..
जितने भर भी देश विश्व में भारत सबसे प्यारा है।।3।।

यह देश है पृथ्वीराजों का, और पराक्रमी भोजों का।
यह देश है शौर्यपुत्रों का, बलिदान की अनुपम मौजों का।।
अकबर को महान बताना हमको नहीं गवारा हो सकता।
प्रताप पराक्रमी राणा का अपमान सहन नहीं हो सकता।।
हमने फिरंगी मुगलों की पराधीनता को ठोकर पर मारा है….
जितने भर भी देश विश्व में भारत सबसे प्यारा है।।4।।

अकबर जैसा नीच कभी भी, नहीं हमारा हो सकता।
हीरों को मिट्टी के बदले, देश कभी नहीं खो सकता।।
औरंगजेब के जुल्मों को, शिवा ने रोक दिखाया था।
छत्रसाल बुंदेले ने भी, तब गीत अनोखा गाया था।।
गोकुल देव, बैरागी का वही भगवा हमको प्यारा है…..
जितने भर भी देश विश्व में भारत सबसे प्यारा है।।6।।

गुरु तेग हिंद की चादर थे, गोविंद हमारे नायक थे।
अर्जुन वीर विनायक थे, संभाजी इसके लायक थे।।
इनके कारण ही अस्तित्व हमारा आज जगत में संभव है।
इनके कारण ही यज्ञ हवन, इनके कारण ही भगवा है।।
दूला भट्टी को नमन हमारा, शेर हिंद का न्यारा है….
जितने भर भी देश विश्व में भारत सबसे प्यारा है।।7।।

अंग्रेज यहां पर आए तो उनको भी हमने ललकारा।
ऋषि दयानंद ने दे डाला एक अनोखा हमको नारा।।
स्वराज्य हमारा मूल मंत्र है ऋषि की पुस्तक कहती है।
आजाद उसी के कारण हैं इतिहास की पुस्तक कहती है।।
“राकेश” लिखा कर गीत उन्हीं के जिनको भारत प्यारा है…
जितने भर भी देश विश्व में भारत सबसे प्यारा है।।8।।

डॉ राकेश कुमार आर्य

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राकेश कुमार आर्य
उगता भारत’ साप्ताहिक / दैनिक समाचारपत्र के संपादक; बी.ए. ,एलएल.बी. तक की शिक्षा, पेशे से अधिवक्ता। राकेश आर्य जी कई वर्षों से देश के विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। अब तक चालीस से अधिक पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं। वर्तमान में ' 'राष्ट्रीय प्रेस महासंघ ' के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं । उत्कृष्ट लेखन के लिए राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह जी सहित कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं । सामाजिक रूप से सक्रिय राकेश जी अखिल भारत हिन्दू महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अखिल भारतीय मानवाधिकार निगरानी समिति के राष्ट्रीय सलाहकार भी हैं। ग्रेटर नोएडा , जनपद गौतमबुध नगर दादरी, उ.प्र. के निवासी हैं।

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