नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत के साथ डीजल के मूल्य में वृद्धि लगातार जारी रही तो जल्द ही डीजल की कीमत पेट्रोल से अधिक हो जाएगी। फिलहाल पेट्रोल के मुकाबले डीजल पर टैक्स ज्यादातर राज्यों में काफी कम है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीजल की कीमतों में उछाल से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर तेजी से कम होता जा रहा है।

इंडियन ऑयल के आंकड़ों के मुताबिक, डीलर मूल्य (बिना किसी टैक्स और डीलर कमीशन के) पर डीजल की कीमत पेट्रोल की तुलना में पांच रुपये छह पैसे प्रति लीटर अधिक है। लेकिन पेट्रोल के मुकाबले डीजल पर टैक्स और डीलर कमीशन 11 रुपये 58 पैसे प्रति लीटर कम है। इस कारण बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत में अभी अंतर सिर्फ छह रुपये 52 पैसे प्रति लीटर (22 अक्तूबर के मूल्य के मुताबिक) है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीजल की कीमत बढ़ी तो यह फर्क और कम होगा।

डीजल की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर मंहगाई पर पड़ता है। इसके साथ किसानों की कृषि लागत भी बढ़ जाती है। देश में डीजल की कुल खपत का 70 प्रतिशत हिस्सा यातायात के लिए इस्तेमाल किया जाता है। डीजल के दाम बढने से सामान की ढुलाई मंहगी होती है, इससे चीजों के दाम बढ जाते हैं। वहीं, कुल खपत का 13% डीजल कृषि में इस्तेमाल किया जाता है।