नई दिल्लीः गुजरात में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर हमले के बाद उनके पलायन को देखते हुए राज्य के औद्योगिक इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इस मामले में सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच राज्य सरकार ने सोमवार को उनसे लौटने की अपील की। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने लोगों से हिंसा में शामिल नहीं होने की अपील की। वहीं राज्य सरकार ने प्रवासियों को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा कि हमलों के संबंध में 431 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 56 प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं।

रूपाणी ने दावा किया कि पिछले 48 घंटों में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के गहन प्रयासों के कारण स्थिति नियंत्रण में है औैर पिछले 48 घंटों में कोई अप्रिय घटना नहीं हुयी है। उन्होंने राजकोट में संवाददाताओं से कहा, हम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और परेशानी की स्थिति में लोग पुलिस को बुला सकते हैं। हम उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएंगे।

उत्तर प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने रूपाणी से बात की और हमलों को लेकर चिंता जतायी। पुलिस ने बताया कि 28 सितंबर को साबरकांठा जिले में 14 महीने की एक बच्ची के साथ कथित बलात्कार के बाद छह जिलों में हिंदीभाषी लोगों पर हमलों की कई घटनाएं हुयी हैं।

पुलिस ने इस घटना के संबंध में बिहार के एक श्रमिक रवींद्र साहू को गिरफ्तार किया है। उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष महेशसिंह कुशवाह ने दावा किया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के करीब 20 हजार लोग गुजराज से बाहर चले गए हैं। इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के एक नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि गुजरात में बिहार के लोगों के खिलाफ हिंसा के लिए उनकी पार्टी दोषी है।