नई दिल्लीः साल 2002 में गोधरा कांड के बाद हुये दंगों के सिलसिले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2019 तक स्थगित कर दिया है। यह याचिका जाकिया जाफरी ने दायर की है। जाकिया कांग्रेस के सांसद रहे एहसान जाफरी की पत्नी हैं। गोधरा कांड के दौरान अहमदाबाद के गुलबर्ग में भी काफी हिंसा हुई थी। जिसमें एहसान की मौत हो गई थी। आज इस याचिका पर सुनवाई होनी थी।
गोधरा कांड में 59 लोगों की मौत

27 फरवरी, साल 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती ट्रेन के कोच में आग लगा दी गई थी। जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई। जो लोग मारे गए उनमें अधिकतर कारसेवक थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे। इस घटना के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए।

1000 की मौत और 66 गिरफ्तारी

गोधरा कांड के अगले दिन दंगे शुरू हो गए। दंगों में 1000 लोगों के मारे जाने की खबर थी। अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 69 लोगों की हत्या कर दी गई। इनमें कांग्रेस सांसद जाफरी भी शामिल थे। घटना होने के बाद सोसाइटी से 39 लोगों के शव निकाले गए। घटना में मारे गए बाकी 30 लोगों के शव काफी तलाशने के बाद भी नहीं मिले। इसके करीब 7 साल बाद उन लोगों को मृत मान लिया गया।

इस सोसाइटी में कुल 28 बंगले और 10 अपार्टमेंट हैं। एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सोसाइटी मामले की दोबारा जांच की। जिसके बाद 66 लोगों को गिरफ्तार किया गया। याचिका दायर करने वाली जाकिया का आरोप है जब दंगाई सोसाइटी में आए तो उनके पति ने कई बड़े नेताओं और पुलिसकर्मियों को इस बात की जानकारी दी लेकिन कोई वहां नहीं आया।

मोदी और अन्य अफसरों को क्लीनचिट

दंगों के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। मामले पर एसआईटी ने 8 फरवरी, 2012 को अपनी क्लोजर रिपोर्ट सौंपी। जिसके बाद मोदी और अन्य लोगों को क्लीनचिट दी गई। वहीं जाकिया की याचिका को दो बार ठुकराया जा चुका है। पहले दिसंबर, साल 2013 में उनकी याचिका को मेट्रोपॉलिटन मजिसट्रेट कोर्ट में ठुकराया गया। इसके बाद साल 2017 में गुजरात हाईकोर्ट में उनकी याचिका को ठुकराया गया।