नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में शनिवार को पूर्व सैन्यकर्मियों से मुलाकात की। इस दौरान उनके वन रैंक वन पेंशन, जम्मू कश्मीर में स्थिति, सरकार की गलत नोन स्ट्रटजिक एप्रोच समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। राहुल से सैन्यकर्मियों की इस मुलाकात के दौरान राफेल सौदे में गड़बड़ी और ओआरओपी लागू नहीं करने का मुद्दा भी उठाया गया।

राहुल गांधी ने ओआरओपी को लेकर सीधा केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा जम्मू और कश्मीर में सरकार की गलत रणनीति का खामियाजा हमारे सैनिक भुगत रहे हैं। अभी राफेल डील का मुद्दा छाया हुआ है। सैनिकों का इसके साथ खास नाता है। उन्होंने कहा कि एक कारोबारी के खाते में 30 हजार करोड़ रूपये दिया जा सकता है लेकिन हमारे सैनिकों को ओआरओपी नहीं दिया जा सकता है।

मुलाकात के बारे में राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा काफी सकारात्मक बैठक रही। कई बातों पर गंभीरता से चर्चा हुई।उन्होंने कहा कि वन रैंक वन पेशन का मुद्दा उठा और पूर्व सैनिकों ने साफतौर पर रहा कि प्रधानमंत्री ने इसे लागू नहीं किया।

क्या है ओआरओपी

गौरतलब है कि भारतीय सेना से रिटायर हुए फौजी लंबे समय से वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी ) की मां कर रहे थे।उनके मुताबिक, रिटायर फौजियों को उनके रैंक के हिसाब से पेंशन मिलनी चाहिए न कि रिटायर होने के साल के आधार पर। इस मांग को लेकर लंबे आंदोलन के बाद मोदी सरकार ने 7 सितम्बर 2015 को ओआरओपी के क्रियान्वयन का आदेश जारी किया था। हालांकि, पूर्व सैनिकों के संगठन इस प्रक्रिया में बदलाव की मांग भी करते रहे।इसके बाद 14 दिसंबर 2015 को सरकार ने एक सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन किया। इस समित‍ि ने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी हैं, जिस पर आंतरिक समिति विचार कर रही है।