नई दिल्लीः भगवान अयप्पा मंदिर के पांच दिनी तीर्थयात्रा सीजन के दूसरे दिन गुरुवार को भी केरल में तनाव बना रहा। राज्य में कथित तौर पर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर हमले के खिलाफ बंद रखा गया है। एक तरफ राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराने का प्रयास कर रही है, तो दूसरी ओर हिंदूवादी संगठन परंपरा की दुहाई देते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोक रहे हैं। वे स्थानीय लोगों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ भड़काने में कामयाब हो रहे हैं और महिला पत्रकारों तक पर हमला करवा रहे हैं।

इस बीच सबरीमाला के पुजारी परिवार के एक वरिष्ठ सदस्य ने 10 से 50 साल आयुवर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक की परंपरा का सम्मान करने व महिलाओं से अयप्पा के मंदिर में न जाने का आग्रह किया। महिलाओं के प्रवेश पर रोक इसलिए है कि माना जाता है कि अयप्पा ‘ब्रह्मचारी’ थे।

प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को दो महिला भक्तों को पहाड़ी मंदिर में जाने से रोका, उन पर हमला किया। महिला भक्तों के साथ जो बच्चे थे, वे रोते दिखे। हमलों और हिंसा के बीच कुछ महिला पत्रकारों को कवरेज जारी रखने से रोका गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंसा भाजपा व आरएसएस से जुड़े हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने की। उन्हें राज्य की वामपंथी सरकार के खिलाफ जनमानस तैयार करने का यह बेहतरीन मौका दिख रहा है।