इस मंजूरी के बाद में कोल्ड चेन की कुल क्षमता 2.76 लाख मीट्रिक टन होगी। इसके जरिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 3100 करोड़ रुपये का निवेश हो सकेगा। इससे करीब 60,000 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार भी हासिल होगा।
गौरतलब है कि देश में केवल 2.2 फीसदी फलों और सब्जियों का ही प्रसंस्करण होता है और इस वजह से इन खाद्य पदार्थों की काफी बर्बादी होती है।