नई दिल्लीः दिल्ली में सेवाओं के मामले में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई हुई। केंद्र सरकार की ओर से पूर्व एएसजी मनिंदर सिंह ने पक्ष रखते हुए कहा कि दिल्ली सरकार भूमि की खरीद फरोख्त पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी रेट तय नहीं कर सकती।

पूर्व एएसजी ने जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ से कहा कि भूमि चूंकि केंद्र सरकार का विषय है इसलिए उसे (दिल्ली सरकार को) इस मामले में कोई अधिकार नहीं है। इसी प्रकार बिजली की दरें भी दिल्ली सरकार तय नहीं कर सकती क्योंकि इलेक्ट्रीसिटी एक्ट केंद्र सरकार का है। इसकी धारा 107 तथा 108 केंद्र को शक्ति देती है।

जांच आयोग बनाने की भी शक्ति प्राप्त नहीं : मनिंदर सिंह ने कहा कि जांच आयोग बनाने के लिए भी दिल्ली सरकार को शक्ति हासिल नहीं है, क्योंकि कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट केंद्रीय एक्ट है और इसमें राज्य का मतलब केंद्र सरकार है, यूटी नहीं। दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) है।

केंद्र की वकालत से इस्तीफा दे चुके हैं : सिंह केंद्र सरकार की वकालत से इस्तीफा दे चुके हैं। पीठ ने उन्हें इस मामले में सरकार का पक्ष रखने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया था, क्योंकि वह इस मामले से शुरू से जुड़े रहे हैं। मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी।