नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने से परेशान पाकिस्तान अपनी कमजोर होती अर्थव्यवस्था की मार झेल रहा है। अपनी ऐसी स्थिति से परेशान ये देश आजकल अपने पड़ोसी देशों से संबंध सुधारने के लिए प्रयास करता नज़र रहा है और इसके लिए उसने अमेरिका की मदद मांगी है. अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक ख़बर के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के कुछ उच्चाधिकारी भारत के साथ शांति वार्ता की पहल करना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने अमेरिका से मदद मांगी है। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स के इस दावे पर भारत ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

पाकिस्तान के जनरल कामर जावेद बाजवा चुनावों से पहले भारत के साथ बातचीत के लिए प्रयासरत दिख रहे थे. इसी कड़ी में पाकिस्तान कश्मीर के सीमा विवाद को लेकर भी बातचीत के लिए तैयार हुआ था. लेकिन 2016 में हुए उरी आतंकी हमले के बाद से ही बातचीत बंद पड़ी है. भारत से बातचीत आगे बढ़ाने के पीछे पाकिस्तान का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को फिर से गति देना है, जिससे भारत के स्थानीय बाजारों तक पाकिस्तान अपनी पहुंच बना सके।

बीआरआई के तहत पाकिस्तान को चीन से खरबों डॉलर का निवेश मिला है, लेकिन बुरी तरह से कर्ज में डूबे इस देश के लिए ये निवेश काफी नहीं है। इसकी वजह से अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 9 अरब डॉलर की मदद लेने की तैयारी हो रही है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, “हम आगे बढ़ना चाहते हैं और हम भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाने की पूरी कोशिश कर रहे है।”