नई दिल्लीः उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल में इस साल अगस्त माह तक ट्रेनों के सामने पशुओं के आने की 607 घटनाओं में कम से कम 905 ट्रेनें हुई प्रभावित हुई। रेलवे इसकी रोकथाम के लिये जागरूकता अभियान चलायेगा और पशु मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।उत्तर-पश्चिम रेलवे के एक प्रवक्ता के मुताबिक चलती गाड़ियों के सामने पटरी पर जानवरों के आने से गाड़ियों की गति कम करनी पड़ती है, उनको रोकना भी पड़ता है। इससे जहां गाड़ियॉ विलम्ब से चलती है वहीं यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के क्षेत्राधिकार में इस साल अगस्त महीने तक जानवरों के ट्रेनों के सामने आने की 607 घटनायें दर्ज की गई है जिसकी वजह से 905 ट्रेनें प्रभावित हुई है। जयपुर मण्डल पर 250, अजमेर मण्डल पर 120, बीकानेर मण्डल पर 95 और जोधपुर मण्डल पर 142 घटनाऐं दर्ज की गई है।उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल में जानवरों के टकराने से 2 ट्रेनों के पटरी से उतरने की भी घटना हुई है। इसके अलावा जानवरों के टकराने से रेल इंजन को भी नुकसान पहुंचता है।

घटनाओं को ध्यान रखते हुए रेल प्रशासन इस प्रकार की घटनाओं पर कार्यवाही करने जा रहा है। रेलवे ट्रेक पर जानवरों को खुला छोड़ने से होने वाली दुर्घटना से बचने के लिए रेल प्रशासन उन क्षेत्रों की पहचान कर रहा है जहां इस प्रकार की घटनाएं ज्यादा होती है।