नई दिल्लीः कानपुर से गाजियाबाद के बीच शताब्दी, राजधानी, मेल और एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें अब नहीं फंसेंगी। अभी तक 60 से 100 वैगन लेकर गुजरने वाली मालगाड़ी के पीछे चलना इनकी मजबूरी होती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि 415 किलोमीटर लंबे रूट में सिर्फ तीन स्टेशनों पर ही 740 मीटर की लूप लाइनें हैं जहां मालगाड़ियां रोकी जा सकती हैं। अब रेलवे ने 14 स्टेशनों पर 1671 मीटर लंबी लूप लाइन बनाने को मंजूरी दे दी है जिसमें 93 वैगन तक की मालगाड़ियां रोकी जा सकेंगी।

वर्षों से चली आ रही इस दिक्कत पर काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके तहत फतेहपुर से गाजियाबाद के बीच पनकी सहित 14 स्टेशनों पर लंबी लूप लाइन बनाने को रेलवे बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। दिल्ली से मुगलसराय के बीच रोजाना औसतन दो डबल मालगाड़ी (52 से 90 वैगन) का रैक निकलता है। लंबी लूप लाइन न होने से मालगाड़ियों को बीच स्टेशनों पर कहीं खड़ा करके दो भागों में बांटकर चलाया जाता है। ऐसे में इसके पीछे चलने वाली शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस दो से तीन घंटे तक फंसी रहती हैं। इसका असर दिल्ली रूट पर दो दिन तक रहता है।

पनकी स्टेशन के अलावा 14 स्टेशनों पर लंबी लूप लाइन बनाने की मंजूरी पिछले महीने ही रेलवे ने दी है। इसके तहत रेलवे की इंजीनियरिंग इकाई ने काम भी शुरू कर दिया है। अन्य स्थानों पर भी अप्रैल-2019 तक सभी लंबी लूप लाइन बनाने की समयावधि भी रेलवे ने तय कर दी है। शुक्रवार को रेलवे अमला पनकी में बिछाई जा चुकी लंबी लूप लाइन की फिटिंग में जुटा रहा।