रांची,।झारखंड की एक गैर सरकारी संस्था द्वारा राष्ट्रपति के नाम पर शिक्षा सहयोग योजना के जरिये इंदौर में धोखाधड़ी किये जाने का मामला सामने आया है। झारखंड सरकार के निर्देश पर इसकी जंाच सीआइडी ने शुरु कर दी है। जांच की जिम्मेवारी रांची सीआइडी के इंस्पेक्टर को सौंपी गयी है। सीआइडी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शिक्षा योजना के नाम पर एक एनजीओ द्वारा गरीब छात्र-छात्राओं को छात्रवृति देने के लिए आवेदन मांग गया था। आवेदन में योजना का नाम राष्ट्रपति शिक्षा योजना बताया गया था, लेकिन राष्ट्रपति के नाम इस तरह की कोई योजना नहीं है। जब इस बात की जानकारी राष्ट्रपति सचिवालय को मिली, तब सचिवालय ने झारखंड सरकार को इसकी सूचना दी। इसके बाद राज्य सरकार ने सीआइडी जंाच का आदेश दिया है।
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार एनजीओ का अपना वेबसाइट भी है, जिसके जरिये लोगों को जानकारी दी गयी है कि संस्था की ओर से 2006 तक करीब 32, 20, 253 छात्र-छात्राओं को छात्रवृŸिा का लाभ दिया जा चुका है। एनजीओ की ओर से अपना दो पता दिया गया है। एक दिल्ली का दूसरा झारखंड के जमशेदपुर का। इसके साथ ही एनजीओ ने सरकारी एनजीओ होने का दावा भी किया है। सीआइडी के अधिकारियों के अनुसार जानकारी एकत्र की जा रही है कि झारख्ंाड सरकार या केंद्र सरकार द्वारा इस काम के लिए किसी एनजीओ को लाइसेंस तो नहीं दिया गया है। इसके साथ ही जमशेदपुर में एनजीओ के पते के बारे में जो जानकारी मिली है, उसका भी सत्यापन किया जा रहा है।