आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान बनाई गई रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष पद पर तैनात किए गए 27 विधायकों को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है।
रोगी कल्याण समिति एक एनजीओ की तरह काम करती है जो कि अस्पतालों के प्रबंधन से जुड़ी है। इसमें इलाके के सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी शामिल होते हैं।
इस मामले में विधायकों को 11 नवंबर तक जवाब देना है। इन 27 विधायकों में 10 विधायक वे भी हैं, जो संसदीय सचिव के मामले में पहले से ही लाभ के पद के मुद्दे पर मुश्किल में हैं।
इस मामले में चुनाव आयोग को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि आप के 27 विधायक रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष के पद पर होने के नाते लाभ के पद पर हैं लिहाजा इनकी विधायकी रद्द की जाए।
यह सब तब तक होता रहेगा,जब तक अधिकतर विधायकों की सदस्यता ख़त्म न हो जाये.इसके बाद भाजपा क्या करेगी,पता नहीं ,क्योंकि वर्तमान विधान सभा में तो उसके केवल तीन ही सदस्य हैं.