नई दिल्लीः पिछले साल एक दौरे के दौरान ऑस्ट्रेलिया में डूबने वाली 15 वर्षीय फुटबॉल खिलाड़ी के परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट से इंसाफ की गुहार लगाकर 35 करोड़ रुपये मुआवजा दिलाने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की है।

इस पर जस्टिस विभु बाखरू ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, भारतीय स्कूल खेल महासंघ और राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय से जवाब मांगा है, जहां वो छात्रा पढ़ती थी। हाईकोर्ट ने वकील विल्स मैथ्यूज द्वारा दायर याचिका पर अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और इस मामले की अगली सुनवाई अगले साल आठ मई को रखी है।

नितिशा नेगी एक अंतर्राष्ट्रीय खेल टूर्नामेंट में हिस्सा लेने ऑस्ट्रेलिया गई थी, लेकिन पिछले साल दिसंबर में बीच पर डूबने से उनकी मौत हो गई थी। पूर्वी दिल्ली के सरकारी स्कूल की छात्रा नितिशा एडिलेड के होल्डफास्ट मरीना बीच में डूब गई थी जहां वह मैच के बाद अपने चार दोस्तों के साथ गई थी। यह मैच पैसिफिक इंटरनेशल स्कूल खेल 2017 का हिस्सा था।

लड़की के माता-पिता, दादा-दादी और दो भाई-बहनों की ओर से दायर याचिका में अधिकारियों पर लापरवाही और चूक के आरोप लगाए गए हैं जो प्रतिभागियों को बीच पर ले गए जिसके कारण पिछले साल 10 दिसंबर को नाबालिग नितिशा की डूबने से मौत हो गई। परिवार ने अधिकारियों से 35 करोड़ रुपये या किसी अन्य उचित राशि के मुआवजे की मांग की है और साथ ही केंद्र और दिल्ली सरकार को अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही या चूक की जांच के लिए निर्देश देने की मांग की है।