नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग करने को लेकर अपनी टिप्पणी पर विवाद के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि उन्हें पद से हटाया नहीं जाएगा। लेकिन तबादले की आशंका बनी हुई है।
कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री गिरधारी लाल डोगरा को उनकी 31 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को आयोजित एक समारोह में मलिक ने तबादले की आशंका जताई। उन्होंने कहा,गिरधारी लाल जी ने अपना जीवन गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। जब तक मैं यहां हूं, मैं यहां हूं। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने जरूर आऊंगा। यह (तबादला) किसी के हाथ में नहीं है। मुझे हटाया नहीं जाएगा, लेकिन तबादले की आशंका है।
मलिक ने कहा कि वह मध्यप्रदेश में थे और पिछले दो दिनों से बुखार से पीड़ित थे। उन्होंने कहा,राजनीति में बुखार या जख्म मायने नहीं रखता और दिवंगत नेता के कद को देखते हुए इस समारोह का हिस्सा बनने के लिए मैं यहां वापस आया, क्योंकि वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण थे।
गौरतलब है कि मलिक ने शनिवार को ग्वालियर में आयोजित एक कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के संदर्भ में कहा था कि अगर वह दिल्ली की ओर से देखते तो उन्हें सज्जाद लोन की सरकार को शपथ दिलवानी पड़ती। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने केंद्र से मशविरा नहीं किया था।