नई दिल्लीः नेशनल हेराल्ड मामले में आज सोनिया और राहुल गांधी की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में अंतिम जिरह हो सकती है। सोनिया और राहुल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने सितंबर में दोबारा दोनों के आयकर दस्तावेजों की जांच पर रोक लगाने से मना कर दिया था। 10 सितंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनके द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि आयकर विभाग को टैक्स प्रक्रिया की दोबारा जांच करने का अधिकार है।

अदालत ने कहा था कि यदि याचिकाकर्ताओं को कोई शिकायत है तो वह इसके खिलाफ वह विभाग में जा सकते हैं। नेशनल हेराल्ड मामले की जांच भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर शुरू हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि 2010 में राहुल और सोनिया गांधी ने यंग इंडिया लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई और इसके जरिए पंडित नेहरू की स्थापित एसोसिएट्स जर्नल लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया।

यंग इंडिया कंपनी के 83.3 फीसदी शेयर राहुल और सोनिया, 15.5 फीसदी मोतीलाल वोरा और 1.2 फीसदी ऑस्कर फर्नांडीज के पास हैं। स्वामी का आरोप है कि बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करने वाली एजेएल कंपनी के शेयरों का लेनदेन करने से गांधी परिवार को 1300 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचा है। आयकर विभाग के अनुसार, यंग इंडिया के शेयर से राहुल गांधी को वित्तीय वर्ष 2011-12 के दौरान 154 करोड़ की आय हुई लेकिन उन्होंने आयकर दस्तावेजों में इसे केवल 68 करोड़ रुपये दिखाया।