नई दिल्लीः पाकिस्तान में मकानों की भारी कमी के चलते हजारों की संख्या में लोग इस्लामाबाद के उत्तर पश्चिम स्थित गुफाओं में रहने को मजबूर हैं। हालांकि, ये गुफाएं बम प्रूफ, भूकंप रोधी और सस्ती बताई जाती हैं।
पार्षद हाजी अब्दुल रशीद के अनुसार, पाकिस्तान की राजधानी से करीब 60 किलोमीटर दूर हसन अब्दल गांव में तकरीबन 3000 लोग गुफाओं में रह रहे हैं। रशीद का घर भी इन्हीं गुफाओं में एक है। इन गुफाओं को हाथों से खोदा जाता है और दीवारों को मिट्टी से लेपा जाता है। यदि आप मिट्टी का मकान बनाते हैं, तो यह बारिश में ढह जाता है। लेकिन यह नहीं ढहता। ये भूकंप प्रूफ और बम प्रूफ हैं। इन गुफाओं में कुछ कमरे होते हैं और एक बरामदा होता है।
यहां रहने वाले अमीर उल्ला खान ने बताया कि यह अपेक्षाकृत सस्ता है, हमने इसे खुद ही खोदा। आधुनिक युग की गुफाओं में रहने वाले वाशिंदों ने इन ढांचों को पाकिस्तान के मौसम के अनुकूल बताया है। यह गर्मियों में ठंडी और कड़ाके की ठंड में गर्माहट महसूस कराती हैं। हालांकि, इन गुफाओं में रहना आसान नहीं है क्योंकि इनके अंदर सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती हैं। रोशनी के लिए बाहर से बिजली के तार ले जाए जाते हैं। वहीं, अंदर पानी की पाइपलाइन और नल की व्यवस्था एक विलासिता है, जो कम ही दिखती है। एक स्थानीय मौलवी ने एक बड़ा आवासीय परिसर बनाया है, जहां काफी संख्या में श्रद्धालु धार्मिक उत्सवों पर पहुंचते हैं। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कम से कम 50 लाख मकान बनाकर आवास के संकट को दूर करने का वादा किया है।