यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्टर्न फिनलैंड से अन्ना वितिसालो ने बताया, अध्ययन में जिन परिवार के बच्चों ने जीवनशैली परामर्श गतिविधि में भाग लिया था, वह इस दौरान अधिक सक्रिय रहे, उन्होंने भरपूर मात्रा में सब्जियों और पोषक तत्वों का सेवन किया। हालांकि इस दौरान बच्चों का माहौल काफी स्वतंत्रता से भरा रहा। उच्च प्रभावों की गणना के लिए कुछ सत्रों में बच्चों के अभिभवाकों को भी शामिल किया गया था।
इस अध्ययन की सह लेखक टीमो लक्का ने बताया, अभिभावकों की व्यक्तिगत भागीदारी बच्चे की जीवशैली का हिस्सा होना चाहिए। इससे बच्चों में कई गैर-संचारी (नॉन कम्यूनिकेबल) रोग होने का जोखिम कम होता है, जीवनशैली व्यवहारों में सुधार चिकिस्ता में होने वाले खर्चों को भी कम कर सकता है।