नई दिल्ली : मुस्लिम महिलाओं के साथ तीन तलाक से जुड़े अपराधों से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार की कैबिनेट ने आज ऐतिहासिक फैसला लेते हुए तीन तलाक से संबंधित अध्यादेश को पारित कर दिया है। लेकिन राज्यसभा बिल अभी में लंबित है। राष्ट्रपति की मुहर लगते ही तीन तलाक पर कानून पास हो जाएगा। तीन तलाक के मुद्दे पर मोदी सरकार काफी समय से कोशिश कर रही है, हालांकि, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के विरोध के बाद इस बिल में संशोधन किया गया था।

संसद से बिल पारित होने से पहले 6 महीने तक अध्यादेश से काम चलेगा। बता दें कि मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में आखिरी दिन जो बिल आया था उसे ही अध्यादेश के ज़रिए कानून बनाने को मंजूरी मिली गई है। पहले भी सरकार तीन तलाक पर अध्यादेश ही लाई थी जिसे लोकसभा से तो पास करवा लिया गया लेकिन राज्यसभा में ये अटक गया। वही इस बिल के अनुसार तीन तलाक के मामले को गैर जमानती अपराध तो माना गया है लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा। इस मामले में पीड़िता, परिजन और खून के रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकते हैं।