नई दिल्लीः मिशन 2019 से पहले श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर सियासत जहां तेज है, वहीं संत समाज भी पूरी तरह आंदोलन के मूड में आ चुका है। विहिप ने भी राम मंदिर आंदोलन को धार देने के लिए शंखनाद रैलियों का आयोजन कर दिया है। 25 नवंबर को अयोध्या में शंखनाद रैली के साथ इसका शुभारंभ होगा। अंतिम रैली नौ दिसंबर को दिल्ली में होगी। दिल्ली में होने वाली रैली को ऐतिहासिक बनाया जाएगा, जिसमें पूरा संत समाज और आरएसएस के दिग्गज पदाधिकारी भी शामिल होंगे। इस रैली में ही अहम घोषणाएं होने की उम्मीद है।

लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर से आवाज बुलंद हो रही है और तमाम संगठन इसको लेकर मैदान में हैं। भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार पर भी मंदिर निर्माण के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में 90 के दशक में राम मंदिर निर्माण के लिए अहम आंदोलन चलाने वाली विहिप भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में है। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ भी मंदिर को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर चुका है। ऐसे में तय है कि आने वाले दिनों में राम मंदिर को लेकर चलने वाले आंदोलन और तेज होंगे।

विहिप के मेरठ प्रांत संगठन मंत्री सुदर्शन चक्र ने बताया कि विहिप राममंदिर निर्माण को लेकर शंखनाद रैलियों का आयोजन करने जा रहा है। पहली रैली 25 नवंबर को अयोध्या में होगी। इसी दिन अयोध्या के साथ नागपुर, बंगुलुरु और मुरादाबाद में भी शंखनाद रैलियों का आयोजन किया जाएगा। रामपुर में 26 नवंबर और बुलंदशहर में 28 नवंबर को शंखनाद रैलियां होंगी। एक दिसंबर को देवबंद और इसके अलावा 2 दिसंबर को संभल, अमरोहा में शंखनाद रैली होंगी। सबसे अंत में नौ दिसंबर को बड़ी शंखनाद रैली दिल्ली में होगी। जिसमें दिल्ली और एनसीआर के लोग शामिल होंगे। गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर और मुजफ्फरनगर विभाग रचना में शामिल सभी जिलों के लोग दिल्ली में होने वाली शंखनाद रैली में शामिल होंगे। इस रैली में सभी प्रमुख संत तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख पदाधिकारी भी शामिल रहेंगे। विहिप द्वारा दिल्ली में होने वाली शंखनाद रैली को निर्णायक माना जा रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस रैली में कुछ अहम घोषणाएं भी मंदिर आंदोलन को लेकर की जा सकती हैं। इस रैली में अनेक संगठन भी शामिल होंगे, जो मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।