नई दिल्ली: ईद मनाने घर जा रहे भारतीय सेना के राष्ट्रीय राइफल्स के जाबांज 24 वर्षीय जवान औरंगजेब की अपहरण के बाद ह्त्या के मामले पर पिता का बेहद इमोशनल बयान सामने आया है। शहीद हुए अपने बहादुर बेटे की याद और इंतजार में पेड़ के नीचे बैठे पिता मोहम्मद हनीफ ने कहा कि “मेरा बेटा मर गया, मगर लोग अपने बच्चों को सेना में भेजना बंद मत करें। अगर ऐसा करेंगे तो देश के लिए कौन लड़ेगा?”अपना दर्द बयां करते हुए पिता हनीफ ने कहा कि जेबी(औरंगजेब) ईद मनाने के लिए घर आ रहा था और आतंकियों ने मार दिया। 55वर्षीय पूर्व सैनिक ने कहा कि वह इस घटना से टूटे बिल्कुल नहीं हैं। उन्होंने कहा-मौत तो एक दिन आती है, मैने बेटे को राष्ट्रसेवा के लिए सेना में भेजा था। एक सैनिक का काम होता है या तो दुश्मनों को मारे या फिर मर जाए।जानकारी के मुताबिक हनीफ और राजबेगम की दस औलादों में औरंगजेब चौथे नंबर पर था। हनीफ का सबसे बड़ा बेटा मोहम्मद कासिम सेना में है। जबकि उनके दो छोटे बेटे मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शबीर सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए तैयार हैं। तारिक ने लिखित और शारीरिक दोनों परीक्षा पास कर ली है,वह 22 जून को पुणे में आयोजित मेडिकल टेस्ट के लिए तैयारी में जुटा है। जबकि शाबिर ने मेडिकल और फिजिकल टेस्ट पास कर लिया है, वह 27 जुलाई को लिखित परीक्षा की तैयारी कर रहा है।अपने परिवार के लिए हनीफ ने कहा कि उसका परिवार सिपाहियों का परिवार है।घर के अंदर औरंगजेब बेहद गमगीन मिलीं। हनीफ ने कहा कि उन्हें साढ़े चार बजे ही औरंगजेब के अपहरण की आर्मी यूनिट से जानकारी मिली। फिर पत्नी को यह बात बताई। इसके बाद मध्य रात्रि पता चला कि औरंगजेब की आतंकियों ने हत्या कर दी।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *