आज बांग्लादेश की प्रधानमंत्री श्रीमती शेख हसीना तीन दिवसीय दौरे पर भारत आ रही हैं।
उनका ये दौरा बहुत ही महत्वपूर्ण हैं ,इसलिए उन्होंने भारत आने से पहले एक महत्त्वपूर्ण बयान दिया हैं की वो
बांग्लादेश की भूमि का उपयोग भारत के खिलाफ शत्रुता पूर्ण कृत्यों के लिए नहीं होंने देंगे। परंतु बहुत से भूराजनैतिक पंडित एवम हिन्दू
संगठन इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते , इसके कारण आज हिन्दू संघर्ष समिति के कार्यकर्त्ता जंतर मंतर पर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा हैं।
आइये वास्तविकता क्या हैं उसकी पड़ताल करते हैं।
जैसा की आप सभी को पता है की बांग्लादेश में हिन्दुओ की बड़ी आबादी रहती है | जो लगातार ख़तम होने के कगार पर है | वहा की बहु-बेटियों की अस्मत को देख कर भाग रहे है वहा के हिन्दू परिवार । भारत ,नेपाल के बाद बांग्लादेश में हिन्दुओ की तीसरी बड़ी आबादी रहती है | परंतु फिर भी बांग्लादेश में हिन्दुओ और अन्य अल्पसंख्यको (बोद्ध ,ईसाई ) के उत्पीड़न की विभिन घटनाये मिलती रहती है | भारत विभाजन के समय पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश ) में 39% प्रतिशत हिन्दू थे , अब 8.5% रह गए है | 1951 की जनगणना के अनुसार बांग्लादेश में 3 करोड़ 22 लाख मुस्लिम और 92 लाख 39 हज़ार हिन्दू थे ,और 2011 की जनगड़ना के अनुसार 12 करोड़ 63 लाख मुस्लिम हो गये है | हिन्दुओ की जनसँख्या 1 करोड़ 22 लाख बताई जाती है | प्रतिदिन 632 हिन्दू बांग्लादेश छोड़ रहे है | 2050 तक बांग्लादेश के हिन्दुविहीन हो जाने का अनुमान है । बांग्लादेश के जमात ए इस्लामी और और इस्लामी छात्र शिविर के कट्टरवादी हमारे हिन्दुओ भाइयो और बहनो को मार रहे है ,ये लोग सड़को पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करते है | ये लोग बांग्लादेश में पाकिस्तान की तरह ईश निंदा कानून लागु करने की मांग करते है |
हमारा बंगाली हिन्दू सऊदी अरब के पैसो से बनने और चलने वाले मदरसों -मस्जिद और पाकिस्तानी ISI के षंडयंत्र के शिकार बन रहे है ।
उन पर हमला करने वालो के खिलाफ कोई भी किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही होती | यहाँ तक की मंदिरो , में देवी दुर्गा और हिन्दू देवी देवताओ की प्रतिमाओं को तोड़ा – फोड़ा जा रहा है | 2016 की दिवाली पर कुछ इलाको में दिए की जगह हिन्दुओ के घर जलाये गए । दुर्गा पूजा से पहले उनकी प्रतिमाओं को खंडित कर दिया गया । शाशन – प्रशाशन से इसकी शिकायत पर दिखावटी कार्यवाई हुई । बांग्लादेश में बेवजह के मुद्दे ढूंढकर हिन्दुओ को निशाना बनाया जा रहा है । दरअसल इन हमलो के पीछे का सच यही है की बहन बनाकर हिन्दुओ पर हमलो करो ताकि वे भागने पर मज़बूर हो जाये |
पूरे देश में हिंदू मंदिरों और मंदिरों को अधिक या कम वितरित किया जाता है। कन्टाजी मंदिर 18 वीं शताब्दी के एक मंदिर का एक शानदार उदाहरण है। ढाका में स्थित ढक्केश्वरी मंदिर , प्रमुखता के संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है। इस मंदिर में अन्य हिंदू संगठनों के साथ दुर्गा पूजा और कृष्ण जन्माष्टमी बहुत महत्वपूर्ण हैं। ढाका के अन्य मुख्य मंदिर रामकृष्ण मिशन , जोय काली मंदिर , लक्ष्मी नारायण मंदिर , स्वामी बाग मंदिर और सिद्धेश्वरी कालीमंदिर हैं। 1 9 71 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान ढाका में प्रसिद्ध रमना काली मंदिर को बांग्लादेश में 1971 में बांग्लादेश युद्ध के दौरान नष्ट कर दिया गया था, और बांग्लादेशी हिंदुओं ने आजादी के बाद सक्रिय सरकारों को साइट पर पुनर्निर्माण के लिए सक्रिय रूप से याचिका दायर कर दी है, जहां लगभग 100 भक्तों की हत्या भी हुई थी जगह।
बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के परिणामस्वरूप 20 वीं सदी की सबसे बड़ी जनसंहार में से एक था। जबकि हताहतों की संख्या का अनुमान 3,00,000 था, यह निश्चित रूप से निश्चित है कि हिंदुओं ने पूर्वी पाकिस्तान की बंगाली आबादी के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के हमले के असंतुलित आक्रमण का जन्म लिया। मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा लगभग 2.4 मिलियन बंगाली हिंदू मारे गए थे और अधिकांश बंगाली हिंदू स्वामित्व वाले व्यवसाय स्थायी रूप से नष्ट हुए थे। ढाका में ऐतिहासिक रामना काली मंदिर और धामरी में सदी-पुरानी रथ को ध्वस्त कर दिया गया और पाकिस्तानी सेना ने उसे जला दिया।
बांग्लादेश से हिन्दुओ के पलायन के अनेक कारण है | एक तरफ वे कट्टरवादी मुस्लिम तत्वों की हिंसा का शिकार हो रहे है तो दूसरी तरफ सरकार की नीतियों के चलते उनका मनोबल दिनोदिन टूटता जा रहा है | बांग्लादेश से हिन्दुओ के पलायन के दोहरे खतरे हैं । एक तरफ बांग्लादेशी हिन्दू भारत में आकर बस रहे है तो दूसरी तरफ एक और पडोसी मुस्लिम राष्ट्र के कट्टरवादिओ के हाथो में जाने का खतरा है | बांग्लादेशिओ हिन्दुओ की उम्मीद भारत से हैं । उनके लिए यह अंतिम अवसर है जब बांग्लादेश को सही रास्ते पर चलाया जा सकता है | “इस समय बांग्लादेश की समय का समाधान निकलने का अनुकूल माहौल है | भारत की सरकार को दूरगामी सोच के साथ कुछ ठोस पहल करनी चाहिए “- श्री सुकृति कुमार मंडल (सम्पदाक ,एईबेला.कॉम , एवं कार्यकारी अध्यक्ष ,बांग्लादेश जातीय हिन्दू महाजोठ ) |
बांग्लादेशी हिन्दुओ की उत्पीडन की बात समय -समय पर उठती रहती है और फिर दब जाती है । इसलिए हिन्दू संघर्ष समिति ने इस बार बीड़ा उठाया है की इसे एक तार्किक परिणाम तक पहुंच के रहेंगे । इस हिन्दू संघर्ष समिति के सभी पदाधिकारी युवा है | बांग्लादेशी हिन्दुओ की नज़र सिर्फ हिंदुस्तान पर टिकी है | वे पलायन कर केवल भारत का ही रुख करते है । पिछली सरकार के समय तक लोग राजनीतिक कारण देख रहे थे | वर्तमान सरकार की तरफ आशा भरी नज़र से देख रहे है | भारत में भाजपा की सरकार बनने के बाद से उनमे उम्मीद जगी है | इस सरकार का कार्यकाल उनकी आखरी उम्मीद है |
U.N. Secretary-General Ban Ki-moon gestures during a press conference at the United Nations headquarters in Geneva, Switzerland Friday, Dec. 12, 2008. Ban says the latest “very sobering” assessment of the World Bank underscores the world’s economic problems. The world should act with great urgency and compassion to ease economic distress. (AP Photo/Anja Niedringhaus)