नई दिल्ली : केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने भी इस पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें मंदिर में पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का नहीं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने रजस्वला आयु वर्ग (10 से 50) की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी थी.उन्होंने कहा, “मैं हिंदू धर्म को मानती हूं और मैंने एक पारसी व्यक्ति से शादी की। मैंने यह सुनिश्चित किया कि मेरे दोनों बच्चे पारसी धर्म को माने, जो आतिश बेहराम जा सकते हैं।” आतिश बेहराम पारसियों का प्रार्थना स्थल होता है। स्मृति ईरानी ने याद किया जब उनके बच्चे आतिश बेहराम के अंदर जाते थे तो उन्हें सड़क पर या कार में बैठना पड़ता था।

उन्होंने कहा, “जब मैं अपने नवजात बेटे को आतिश बेहराम लेकर गई तो मैंने उसे मंदिर के द्वार पर अपने पति को सौंप दिया और बाहर इंतजार किया क्योंकि मुझे दूर रहने और वहां खड़े ना रहने के लिए कहा गया।