नई दिल्लीः रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत और चीन के बीच विभिन्न मुद्दों पर वार्ता की हिमायत करते हुए रविवार को कहा कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए। उन्होंने कहा, दोनों देशों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए तथा वार्ता के जरिए मुद्दों का हल करना चाहिए। साथ ही, शांति एवं समृद्धि के लिए हाथ मिलाना चाहिए।

ईंटानगर में उभरते एशिया में भारत-चीन रिश्तों की मजबूती विषय पर आयोजित एक व्याख्यान में सीतारमण ने कहा, रक्षा, सीमा मसला और हिंद महासागर में भारतीय एवं चीनी रक्षा बलों की मौजूदगी जैसे कई मुद्दे हैं, जिनका निरंतर वार्ता के जरिए हल किया जा सकता है। उन्होंने यहां कहा कि प्रतियोगिता होना सामान्य बात है। लेकिन प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं तब्दील होने देना चाहिए। मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए।

रक्षामंत्री ने कहा, वार्ता और शांतिपूर्ण संपर्क में समाधान निहित है। लेकिन इसके लिए आपसी विश्वास अवश्य होना चाहिए। चीन के साथ व्यापार बुम ला दर्रा से होकर खोले जाने के अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के प्रस्ताव पर सीतारमण ने कहा कि सिक्किम के नाथूला और मणिपुर के मोरेह स्थित मौजूदा सीमावर्ती हाटों की तरह दोनों देशों के सीमावर्ती गांवों के साथ व्यापार संभव है।

व्यापार संतुलन चीन के हित में
सीतारमण ने कहा, दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन चीन के पक्ष में है। उन्होंने कहा,भारत और चीन के बीच बड़े पैमाने पर व्यापार होता है, जो 80 से 90 अरब डॉलर के बीच है। लेकिन दुखद है कि हम उनसे बड़ी मात्रा में आयात करते हैं। लेकिन हमारे उत्पादों के लिए उनका बाजार खुला हुआ नहीं है।