नई दिल्लीः महाराष्ट्र सरकार आखिरकार आदिवासी-किसानों के आंदोलन के सामने झुकने को मजबूर हो गई। सरकार ने उनकी सभी मांगे मानते हुए उन्हें समस्याओं के समधान का लिखित आश्वासन दिया है। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसान प्रतिनिधिमंडल के साथ उनकी मांगों पर चर्चा की। तीन महीने में किसान आदिवासियों की सभी समस्याओं का हल निकालने का सरकार ने लिखित आश्वासन दिया है। इसके बाद आजाद मैदान पर बैठे किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।

जल संसाधन मंत्री गिरीष महाजन ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि आदिवासियों की मुख्य मांग जमीन के पट्टे को लेकर है। इस मामले में सभी जिलों के अधिकारियों को सख्ती से निर्देश दिए जाएंगे कि वे अगले तीन महीने में इसका हल निकालें। उन्होंने कहा कि आदिवासी जमीन पट्टाधारकों को भी सूखा राहत से जुड़ी सभी सुविधाएं दी जाएंगी। साथ ही, कृषि अनुदान देने से जुड़ा निर्णय भी लिया गया है। मोर्चे में शामिल लोग गैरआदिवासी और आदिवासियों की तीन पीढ़ियों के निवासी होने से जुड़ी शर्त भी रद्द करने की मांग कर रहे हैं।