0नए कानूनों के तहत विमान अपहरणकर्ता को मिलेगा मृत्युदंड
नई दिल्ली, इंडियन एयरलाइंस के एक विमान का अपहरण करके कंधार ले जाने के करीब 16 वर्ष बाद केन्द्रीय मत्रिमंडल की स्वीकृति के लिये जल्द ही एक ऐसे विधेयक को पेश किया जायेगा जिसमें अपहरणकर्त्ता विमानस्थल पर किसी कर्मचारी को भी जानमाल का नुकसान पहुचाता है तो उसे मृत्युदंड देने का प्रावधान किया गया है ।इससे पहले के विधेयक में विमान अपहरणकर्त्ता को बंधकों: विमान यात्री और विमान क्रू:विमान चालक दल के सदस्य और सुरक्षा कर्मियों के मारे जाने की स्थिति में अपहरणकर्त्ता को मृत्युदंड देने का प्रावधान था । संशोधित विधेयक विमान अपरहण की आतंकी जैसे घटनाओं से निबटने के लिये विश्व में कठोर कानूनों में से एक होगा । इस विधेयक के जरिये सरकार विमान अपहरण जैसी घटनाओं के दौरान विमानस्थल के कर्मचारियों, हवाई अड्डे के कर्मचारी और अन्य के मारे पर अपहरणकर्त्ता को मृत्युदंड की सजा दिला सकेगी ।नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार एंटी हाइजेकिंग संशोधन विधेयक में उक्त बदलाव करके उसे और विचार विमर्श करने के लिये कानून एवं न्याय मंत्रालय को भेजा गया है । कानून एवं न्याय मंत्रालय से विधेयक वापस आने के बाद इसे स्वीकृति के लिये केन्द्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जायेगा।मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, विधेयक को पिछले साल दिसंबर में पेश करने के बाद इसे मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था। अब समिति की सिफारिशों को इस विधेयक में शामिल कर लिया गया है। हमारे यहां पर विमान अपहरणकर्त्ताओं से निबटने के लिये विश्व का सबसे कठोर कानून होगा जिसमें ऐसी घटना के दौरान ग्राउंड पर भी किसी की भी दुर्घटना होने की स्थिति पर उसे मृत्युदंड दिये जाने का प्रावधान किया गया है ।नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने पिछले साल संसद में एंटी हाइजेकिंगःसंशोधनः विधेयक 2014 को पेश किया था । विघेयक में विमान अपहरणकर्त्ता के लिये मृत्युदंड और ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ सांठगांठ करने वाले व्यक्तियों के लिये कठोर सजा का प्रावधान था। अपहरणकर्त्ताओं के साथ साजिश करने वाले व्यैक्तिक के दायरे को शामिल करके अपहरण की परिभाषा को व्यापक बनाया गया है।मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एक बार नया कानून अमल में आ गया तो अपहरणकर्त्ता को मृत्युदंड दिया जा सकेगा और कठोर दंड़ को स्पष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों में अपहरणकर्त्ता को अधिकतम सजा आजीवन कारावास और जुर्माना का प्रावधान है। यह बदलाव अंतररष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के बीजिंग प्रोटोकॉल के अनुरूप है जिसे अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों के अनुसार भारतीय कानून में सुधार किया गया है।अधिकारी ने कहा, मौजूदा कानून के तहत अगर मानव बम का उपयोग किया जाता है और घटना में इसमें शामिल अपराधी मारा जाता है तो इसकी योजना को अंजाम देने वाले शामिल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। नये कानून में इनके खिलाफ कार्रवाई करने और अपहरणकर्त्ता की संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान है।
प्रस्तावित कानून में सुरक्षा बलों को विमान को गतिहीन करने और उसे उडने से रोक देने का भी अधिकार प्राप्त होगा। अपहृत विमान को रोककर उसके नीचे उतरने के मजबूर करने के लिये भारतीय वायु सेना अपने लडाकू विमान को भेज सकेगी। इसके अलावा सुरक्षा बलों के पास यह भी अधिकार होगा कि वे अपने महत्वपूर्ण ठिकाने से मिसाइल का उपयोग करके विमान को मार गिरा सकते है।
एंटी हाइजेकिंग:संशोधनः विधेयक को 2010 में राज्यसभा में 1982 के कानून को निरस्त करने के लिये पेश किया गया था। तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने विधेयक को मार्च 2010 में मंजूरी दी थी। इसके बाद इसे संसद की स्थाई समिति के पास भेज दिया गया था। समिति ने उसी अक्तूबर में अपनी रिपोर्ट सौंपी था

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