नई दिल्लीः नोएडा में स्थित 1800 वर्ग मीटर तक की औद्योगिक इकाइयों के बाहर खड़े होने वाले वाहनों से पार्किंग शुल्क अब नोएडा प्राधिकरण की तरफ से नहीं वसूला जाएगा। नोएडा शहर को फ्री होल्ड करने के लिए अक्टूबर माह में होने वाली प्राधिकरण के बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। प्रस्ताव पास होने के बाद उसे अनुमति के लिए शासन को भेजा जाएगा।यह निर्णय नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन व धरनारत संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई वार्ता के दौरान लिया गया।

नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन मल्हन ने बताया कि वार्ता के दौरान यह तय हुआ कि शहर में स्थित 1,800 मीटर तक की फैक्ट्रियों के सामने पार्क होने वाले वाहनों की पार्किंग अब प्राधिकरण की तरफ से नहीं ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इस निर्णय से शहर की करीब 90 प्रतिशत कंपनियों को लाभ होगा। क्योंकि शहर में ज्यादातर लघु उद्योग ही स्थापित हैं।

उन्होंने बताया कि नोएडा को फ्री होल्ड करने के मुद्दे पर प्राधिकरण के चेयरमैन ने उन्हें आश्वस्त किया है कि अक्टूबर माह में होने वाली बोर्ड बैठक में इस मुद्दे को वह बोर्ड में ले जाएंगे तथा इसके पास होने के बाद इसको अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जाएगा।

नोएडा की संपत्तियां 90 साल के पट्टे पर दी जाती हैं। यहां पर मकान, फैक्ट्री व दुकान खरीदने वालों को प्राधिकरण 90 साल की लीज पर भूखंड आवंटित करता है उन्हें हर वर्ष लीज की एवज में मोटी रकम देनी पड़ती है, जबकि पड़ोस में ही स्थित गाजियाबाद व दिल्ली की जमीन फ्री होल्ड है। नोएडा को फ्री होल्ड करने की यहां के लोगों की काफी दिनों से मांग चल रही है।